जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट ग्रीड ऐंड फियर में लिखा है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों का यह उम्मीद करना गलत है कि ईरान-इजरायल टकराव और रूस-यूक्रेन जैसे भूराजनीतिक संकटों का बुरा दौर खत्म हो गया है।
जहां कई निवेशक और मीडिया का ध्यान सिर्फ फेडरल रिजर्व की नीति और अमेरिकी फेड गवर्नर के रुख पर केंद्रित है, वहीं वुड का मानना है कि वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी सुर्खियों को भूराजनीतिक बदलाव के मुकाबले कुछ भी महत्व नहीं मिल रहा है।
वुड ने अपनी ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘ग्रीड ऐंड फियर महसूस कर रहा है पिछले हफ्ते ईरान पर इजराइली हमले की जवाबी प्रतिक्रिया के बाद बाजार फिलहाल मान रहे हैं कि पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच चुका है।
बाजारों में ऐसी उम्मीदें स्वाभाविक है, लेकिन यह निश्चित ही ग्रीड ऐंड फियर का नजरिया नहीं है। इसके बजाय यूक्रेन-रूस टकराव और पश्चिम एशिया का तनाव दोनों में बदतर हालात बरकरार रहने की संभावना है।’
उन्होंने कहा कि अगर मूल बात यह है कि अमेरिका में नवंबर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव होने तक महीनों तक रूस-यूक्रेन संघर्ष जारी रहेगा तो जो बाइडन प्रशासन के लिए चिंता का नया मसला पश्चिम एशिया का तनाव है, जिससे तेल कीमतों में तेजी आएगी, खासकर ऐसे समय जब मुद्रास्फीति की समस्या अभी पूरी तरह से सुलझी नहीं है।
वुड ने लिखा है, ‘ग्रीड ऐंड फियर को ताज्जुब है कि दुनिया ने पिछले हफ्ते ईरान के खिलाफ इजरायल की जवाबी कार्रवाई देखी भी है या नहीं। हालांकि ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजराइली हमले की संभावना अभी भी बनी हुई है।’
वुड का मानना है कि इस साल नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस तरह की कार्रवाई बेहद उत्तेजक होगी, क्योंकि इसका तेल कीमतों और संबंधित वित्तीय बाजारों पर प्रभाव पड़ सकता है। इस बीच, कच्चे तेल की कीमतें लगातार 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई हैं।
निवेश रणनीति
यूबीएस के विश्लेषकों का मानना है कि अगर ईरान और इजरायल के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है तो इससे बड़ी बिकवाली और वैश्विक शेयर बाजारों में अस्थिरता का जोखिम बढ़ सकता है। विश्लेषकों ने निवेशकों को जल्दबाजी में आकर शेयर बेचने या शेयर बाजार से नहीं निकलने की सलाह दी है।