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बाजार में भाजपा की संभावित जीत का असर दिख चुका है- अचिन गोयल

Stock Market and BJP's victory: मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 2023 में 40 प्रतिशत से ज्यादा चढ़े हैं।

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रेक्स कैनो   
Last Updated- February 27, 2024 | 10:41 PM IST

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 2023 में 40 प्रतिशत से ज्यादा चढ़े हैं। बोनांजा पोर्टफोलियो में उपाध्यक्ष अचिन गोयल ने एक ईमेल साक्षात्कार में रेक्स कैनो को बताया कि इन दो बाजार सेगमेंटों में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें मूल्यांकन उनके बुनियादी तत्वों के मुकाबले ज्यादा चढ़ गए हैं और अब उनमें गिरावट देखी जा सकती है। मुख्य अंश:

बाजार कब तक समेकन के दौर में बना रहेगा? किन कारकों से बाजार की चाल तय हो सकती है?

भारत में मुख्य सूचकांक 2024 के शुरू से ही ठहराव के दौर से गुजरे हैं और सिर्फ 1.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। इस सुस्त प्रदर्शन के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा लगातार निकासी को जिम्मेदार माना जा सकता है। बाजार में भाजपा के फिर से सत्ता में आने की संभावना का असर पहले ही दिख चुका है, हालांकि इस जीत का अंतर अभी स्पष्ट नहीं है। मुख्य सूचकांकों की राह भाजपा द्वारा हासिल की जाने वाली सीटों से तय होगी।

क्या आपको कैलेंडर वर्ष 2023 की बड़ी तेजी के बाद मिडकैप और स्मॉलकैप में और गिरावट की आशंका है?

2024 में इन दो सेगमेंट से फिर वैसा ही रिटर्न मिल जाए, यह सोचना अनुचित है। मिडकैप और स्मॉलकैप में ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें मूल्यांकन उनके फंडामेंटल्स से काफी ऊपर पहुंच गए हैं और हम अब समय के हिसाब से उनमें गिरावट देख सकते हैं। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश पोर्टफोलियो का एक हिस्सा इन क्षेत्रों में आवंटित करना जारी रखें क्योंकि दीर्घाव​धि कमाई के सबसे बड़े अवसर यहीं पर हैं।

पीएसयू के शेयरों पर आपका नजरिया क्या है?

हालांकि पीएसयू के फंडामेंटल्स आशाजनक बने हुए हैं, लेकिन मौजूदा मूल्यांकन में नए निवेशकों के लिए तेजी की सीमित संभावना है। सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के कारण पीएसयू शेयरों पर निवेशकों को सावधान रहने की जररूत है। पीएसयू की वैल्यू में तेजी ने सरकार को कमाने और राजकोषीय घाटे को कम करने का अवसर दिया है। इसलिए बतौर दीर्घाव​धि निवेशक आपको चिंतित नहीं होना चाहिए, लेकिन अल्पाव​धि में कुछ गिरावट की आशंका देखी जा सकती है।

निजी बनाम पीएसयू बैंक में आप किसे पसंद कर रहे हैं?

बड़े निजी बैंकों ने ऊंची नीतिगत दरों की वजह से उधारी लागत बढ़ने के कारण 2023 में कमजोर प्रदर्शन किया। इसलिए अपने पीएसयू प्रतिस्प​​र्धियों के मुकाबले उनका कमजोर प्रदर्शन रहा। हालांकि, ब्याज दर चक्र में संभावित बदलाव आने पर निजी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।

अगले वित्त वर्ष में कॉरपोरेट आय की रफ्तार कैसी रहेगी?

हमें धातु और निजी बैंकिंग क्षेत्रों में संभावित सुधार के साथ वित्त वर्ष 2025 के दौरान 10-12 प्रतिशत ईपीएस वृद्धि का अनुमान है। फार्मा, इन्फ्रा, अक्षय ऊर्जा और कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों द्वारा आय की गति बरकरार रहने की संभावना है और हम इन पर उत्सा​हित बने हुए हैं। बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र (बीएफएसआई), खासकर निजी क्षेत्र के बैंकों में मूल्यांकन आकर्षक दिख रहा है।

2024 में कौन से क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है?

लार्ज-कैप निजी बैंक सस्ते मूल्यांकन पर उपलब्ध हैं और इसलिए कैलेंडर वर्ष 2024 में निवेश के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित माध्यम हैं। आईटी कंपनियों ने कैलेंडर वर्ष 2023 में बड़ी गिरावट दर्ज की, क्योंकि मंदी की आशंका और बढ़ती ब्याज दरों ने कई वै​श्विक आईटी कंपनियों को अपना खर्च घटाने को बाध्य किया। अब आ​र्थिक परिदृश्य और ब्याज दरें आईटी कंपनियों के पक्ष में हैं, इसलिए हमारा मानना है कि निवेशक इस अवसर को ध्यान में रखकर ज्यादा पैसा लगाकर कमाई कर सकते हैं।

First Published : February 27, 2024 | 10:41 PM IST