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डेट बाजार को FPI का दुलार, हुई निवेश की बारिश

FPI ने अगस्त में भारतीय डेट बाजार में 6,067 करोड़ रुपये डाले, जबकि जुलाई में केवल 3,113 करोड़ रुपये लगाए थे।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- August 30, 2023 | 11:23 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने डेट बाजार में इस साल अब तक 26,836 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश कर दिया है। डेट श्रेणी में यह पिछले छह साल में एफपीआई का सबसे बड़ा निवेश है। बॉन्ड समेत सभी डेट प्रतिभूतियों में इस साल सबसे अधिक 10,325 करोड़ रुपये का एफपीआई निवेश जून में आया।

बाजार में अनिश्चितता बढ़ने के कारण जुलाई में निवेश में कमी आई मगर भारत को अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड सूचकांकों में शामिल किए जाने की उम्मीद में अगस्त में निवेश जुलाई के मुकाबले दोगुना हो गया। वैश्विक आर्थिक तस्वीर में निराशा बढ़ने के कारण निवेशक विविधता चाह रहे थे, जिसके कारण भी एफपीआई का डेट में निवेश बढ़ा। इन्हीं वजहों से इस साल अगस्त में बॉन्ड बाजार में एफपीआई का दूसरा सबसे बड़ा निवेश आया।

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नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने अगस्त में भारतीय डेट बाजार में 6,067 करोड़ रुपये डाले, जबकि जुलाई में केवल 3,113 करोड़ रुपये लगाए थे। एफपीआई इस साल मार्च के अलावा लगभग हर महीने भारतीय डेट बाजार में शुद्ध लिवाल रहे यानी हर महीने उन्होंने निकासी से ज्यादा निवेश किया।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलर​शिप के ट्रेडिंग प्रमुख और कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट नवीन सिंह ने कहा, ‘संभवत: बॉन्ड शामिल किए जाने की उम्मीद में कुछ उत्साह दिखा हो। यह भी हो सकता है कि कुछ एफपीआई इसी उम्मीद में पहले से ही निवेश कर रहे हों। विविधता बढ़ाने के लिए अन्य देशों से निवेश निकालकर भारतीय बाजार में लाने के कारण भी एफपीआई का निवेश बढ़ा है। वरना बॉन्ड बाजार का इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है और मुद्रा बाजार में भी डॉलर कमजोर होने या रुपया मजबूत होने की संभावना नहीं है। इसलिए डेट बाजार में एफपीआई का निवेश काफी हद तक विविधता की जरूरत के कारण बढ़ा है।’

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पिछले महीने रिजर्व बैंक के विभागीय समूहों के बीच आई एक रिपोर्ट के बाद भारत सरकार के बॉन्डों को वै​श्विक बॉन्ड सूचकांक में शामिल करने के कयास लगने लगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी बॉन्डों को वै​श्विक सूचकांक में ​शामिल किए जाने से जोखिम घटेगा।

जेपी मॉर्गन और एफटीएसई रसेल सहित प्रमुख सूचकांक प्रदाताओं ने 2022 में भारतीय सरकारी बॉन्डों को अपनी निगरानी सूची में रखकर भारत सरकार के बॉन्डों में रुचि बनाए रखी। चालू तिमाही के अंत में यानी सितंबर के अंत में उसकी समीक्षा की जाएगी।

पिछले चार साल में यह पहला मौका है, जब एफपीआई भारतीय डेट बाजार में शुद्ध लिवाल बने हैं। इससे पहले 2019 में एफपीआई शुद्ध लिवाल रहे थे, जब उन्होंने भारतीय बॉन्ड बाजार में 25,882 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

First Published : August 30, 2023 | 11:23 PM IST