मौजूदा वर्ष में टेक्नोलॉजी शेयरों के मजबूत प्रदर्शन की वजह से आईटी क्षेत्र के फंडों का रिटर्न शानदार रहा है। टेक्नोलॉजी फंडों ने पिछले एक साल में औसतन 63.53 फीसदी रिटर्न दिया है, जो फंडों की सभी श्रेणियों में सबसे ज्यादा है। वैल्यू रिसर्च से यह जानकारी मिली।
बाजार के प्रतिभागियोंं ने कहा, कोविड-19 ने आईटी कंपनियों की रफ्तार में इजाफा किया है क्योंंकि डिजिटलीकरण की मांग बढ़ी और यह प्रवृत्ति अगले 2-3 साल तक जारी रह सकती है, जिसकी वजह और कंपनियों का डिजिटल की ओर बढऩा है। पिछले एक साल में कई आईटी फंडों ने 41 से 77 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। टाटा डिजिटल इंडिया फंड ने इस श्रेणी में सबसे ज्यादा 77.31 फीसदी रिटर्न दिया है, जिसके बाद आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड और आदित्य बिड़ला सन लाइफ डिजिटल इंडिया फंड का स्थान रहा है। ये रिटर्न डायरेक्ट प्लान के हैं।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने अपने रिसर्च नोट में कहा है, इक्विटी बाजारों में तेजी काफी ज्यादा विशाखित रही है और पिछले कुछ महीनों में आईटी फंडों को छोड़कर सेक्टर के बीच रोटेशन देखने को मिला है क्योंंकि आईटी का प्रदर्शन लगातार उम्दा बना रहा है। आईटी फंडों का पिछले दो से तीन वर्षो से उम्दा प्रदर्शन जारी है क्योंकि कोविड के बाद वाली दुनिया में बढ़त को लेकर परिदृश्य सुधरा है, जिसकी वजह से ज्यादातर शेयरों के मूल्यांकन की दोबारा रेटिंग हुई है।
इन्फोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक जैसे शेयर चुनिदा आईटी फंडों का अहम निवेश बना हुआ है। पिछले एक साल में इन्फोसिस ने 52.22 फीसदी रिटर्न दिया है जबकि टेक महिंद्रा करीब 90.70 फीसदी ऊपर है।
दूसरी ओर, लार्जकैप फंडों ने पिछले एक साल में औसतन 26.58 फीसदी रिटर्न दिया है। आईटी फंडों की तरफ से सृजित औसत रिटर्न लंबी अवधि के लिहाज से और भी मजबूत है। पांच साल व 10 साल की अवधि के लिहाज से आईटी फंडों का रिटर्न क्रमश: 31.73 फीसदी व 22.94 फीसदी रहा है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
एक अग्रणी फंड हाउस के फंड मैनेजर ने कहा, महामारी की शुरुआत से हमने आईटी पर भारी खर्च देखा है और इसी वजह से टेक्नोलॉजी क्षेत्र के शेयरों ने उम्दा प्रदर्शन किया है। आगामी वर्षों में डिजिटल की ओर शिफ्टिंग बढ़त का अहम कारक रहेगा।