टाटा समूह अपनी होल्डिंग कंपनी टाटा संस की 5 फीसदी हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ के जरिये बेचने पर विचार कर रही है और इसके जरिए उसका 11 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर करीब 55,000 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा है। कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
कोटक सिक्योरिटीज ने कहा कि टाटा संस को आरबीआई ने अपर लेयर एनबीएफसी के तौर पर वर्गीकृत किया है और नियामक के नियमों के मुताबिक टाटा समूह की फर्म को सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराया जाना है। आखिरी बार इतना बड़ा आईपीओ एलआईसी का आया था जिसने 21,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस बारे में जानकारी के लिए टाटा संस को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ने कहा कि टाटा संस के अलावा टाटा की चार और कंपनियां रकम जुटाने के लिए आईपीओ बाजार में उतर सकती हैं। इन फर्मों में बैटरी स्टोरेज फर्म टाटा ऑटोकॉम्प, ऑनलाइन ग्रोसरी रिटेलर बिगबास्केट, एरोस्पेस फर्म टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और सैटेलाइट टीवी डिस्ट्रिब्यूशन फर्म टाटा प्ले शामिल हैं।
बिगबास्केट का आईपीओ साल 2025 की शुरुआत में आ सकता है क्योंकि कंपनी लाभ में आने के कगार पर है। टाटा प्ले ने बाजार नियामक के पास गोपनीय डीआरएचपी जमा कराया है और टाटा संस के पास इस कंपनी की 41.5 फीसदी हिस्सेदारी है।
एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा कि अगर टाटा संस का आईपीओ आया तो इससे शापूरजी पलौंजी समूह को निकासी का रास्ता मिल सकता है जिसके पास टाटा संस की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन अभी हमें टाटा समूह से कोई संकेत नहीं मिला है कि वे होल्डिंग कंपनी का आईपीओ लाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी समूह व रिलायंस इंडस्ट्रीज भी अपनी असूचीबद्ध कंपनियों का आईपीओ लाने की योजना बना रही है ताकि बाजार के सकारात्मक मनोबल का फायदा उठाया जा सके। इस हफ्ते नुकसान उठाने वाली वायरलेस टेलीफोनी फर्म वोडाफोन आइडिया ने ऐलान किया है कि वह नए शेयर बेचकर 20,000 करोड़ रुपये जुटाएगी।