विदेशी निवेश भारत के बजाय चीन में जाने की चिंता के बीच इस हफ्ते देसी शेयर बाजार में पहले ही लुढ़क रहा था और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव ने इसे एक और झटका दिया है। निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों की बिकवाली करने में लग गए हैं। स्टॉक एक्सचेंजों के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने आज 15,243 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की जो एक दिन में अभी तक की सबसे बड़ी बिकवाली है। बीते तीन कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों ने कुल 26,879 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं जबकि चीन के बाजार सितंबर के निचले स्तर से करीब 30 फीसदी चढ़ गए हैं।
बेंचमार्क सेंसेक्स 1,769 अंक या 2.1 फीसदी गिरकर 82,497 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 547 अंक या 2.1 फीसदी के नुकसान के साथ 25,250 पर बंद हुआ। इस साल 4 जून और 5 अगस्त के बाद निफ्टी की यह तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स के मामले में यह साल की चौथी सबसे बड़ी गिरावट रही।
वैश्विक इक्विटी सूचकांकों में भारतीय सूचकांकों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 10 फीसदी चढ़कर 13.2 पर पहुंच गया। बाजार में चौतरफा बिकवाली से निवेशकों को 9.8 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी और देश का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 465 लाख करोड़ रुपये रह गया।
डॉलर के मुकाबले रुपये में 15 पैसे की नरमी आई। तेल के दाम बढ़ने से सभी एशियाई मुद्राओं में रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। डॉलर के मुकाबले रुपया 83.97 पर बंद हुआ। बुधवार को रुपया 83.82 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल दागे जाने से दुनिया भर के निवेशक चिंतित हो गए और इजरायल के पलटवार का अनुमान लगाने लगे। ईरान के सीधे तौर पर इस संघर्ष में शामिल होने से तेल की कीमतों और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिरता पर चिंता बढ़ गई है।
दुनिया भर में करीब एक तिहाई कच्चे तेल की आपूर्ति इसी इलाके से होती है। ऐसे में तेल संयंत्रों या आपूर्ति के मार्गों पर हमले होने से कच्चे तेल की कीमतों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कच्चा तेल लगातार पांचवें सत्र में बढ़कर 75.4 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। ब्रेंट क्रूड में 6 फीसदी की तेजी आई है।
एवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘विदेशी निवेशक चीन में जल्दी निवेश करना चाहेंगे, ऐसे में वे भारत में निवेश घटा सकते हैं। जब उभरते बाजारों में निवेश लौटेगा तो बाजार की स्थिति के हिसाब से वह भारत या चीन में निवेश किया जाएगा।’
हॉलैंड ने कहा, ‘वैसे भी हमारे बाजार में जरूरत से ज्यादा खरीदारी हो रही थी। कच्चे तेल के दाम में तेजी भारत के लिए बुरी खबर है मगर हम रूस से भी तेल खरीद रहे हैं। अगले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक शायद दर कटौती पर कोई निर्णय न ले।’ वैश्विक घटनाक्रम के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का निर्णय, अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे आगे बाजार को दिशा देंगे।
हॉलैंड ने कहा, ‘नतीजों का सीजन बहुत शानदार रहने की उम्मीद नहीं है। अगर रिजर्व बैंक दर में कटौती करता है तो यह बाजार के लिए सकारात्मक होगा।’ रिलायंस इंडस्ट्रीज में 3.9 फीसदी गिरावट आई और सेंसेक्स के नुकसान में इसका सबसे ज्यादा योगदान रहा।
पश्चिम एशिया में तनाव से तेल रिफाइनिंग कारोबार को लेकर अनिश्चितता के कारण पिछले सत्र में रिलायंस का शेयर 7.8 फीसदी नीचे आ चुका है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2,881 शेयर नुकसान में और 1,107 लाभ में बंद हुए। क्षेत्रों के सुचकांकों की बात करें तो निफ्टी रियल्टी में सबसे ज्यादा 4.4 फीसदी और निफ्टी ऑटो एवं ऑयल ऐंड गैस में करीब 3-3 फीसदी की गिरावट आई है।
येस सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अमर अंबानी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता की बाजार में और ज्यादा गिरावट आएगी क्योंकि घरेलू तरलता बनी हुई है। सरपट भाग रहे मिडकैप में थोड़ी गिरावट देखी जा सकती है।’