लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) ने इस कैलेंडर वर्ष में अब तक करीब 150 आईपीओ पेश किए हैं। यह आंकड़ा किसी एक कैलेंडर वर्ष का रिकॉर्ड है, जो 2018 के 141 के पिछले आंकड़े को पार कर गया है।
प्राइम डेटाबेस पर मौजूद जानकारी के अनुसार 147 कंपनियों ने अक्टूबर के अंत तक अपनी शेयर बिक्री सफलतापूर्वक पूरी की थी और 3,727 करोड़ रुपये जुटाए। इस महीने आधा दर्जन और कंपनियां बाजार में आई हैं। इस साल अब तक इक्विटी बाजारों में 211 कारोबारी सत्र हो चुके हैं, यानी हर 1.38 दिन में एक एसएमई आईपीओ आया है। मुख्य बाजार से तुलना करें तो इस साल उसमें अब तक 42 आईपीओ (जो एसएमई के नहीं हैं) आए हैं।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि इस साल एसएमई आईपीओ में तेजी को छोटे निवेशकों के उत्साह से मदद मिली है। आईपीओ पोर्टल चित्तौड़गढ़ डॉटकॉम के अनुसार इस वर्ष करीब 75 प्रतिशत एसएमई आईपीओ अपने निर्गम भाव के मुकाबले चढ़कर सूचीबद्ध हुए।
करीब 20 फीसदी शेयर सूचीबद्धता के दिन दोगुना से ज्यादा चढ़े जबकि एक में 2.6 गुना से ज्यादा तेजी दर्ज की गई। इस साल सूचीबद्ध करीब 25 प्रतिशत एसएमई शेयर 50 फीसदी चढ़ चुके हैं।
Also read: अक्टूबर में नए डीमैट खातों की घटी रफ्तार
स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बलिगा ने कहा, ‘इस साल कई एसएमई आईपीओ ने शानदार प्रतिफल दिया है। इनमें से कुछ मल्टीबैगर भी बन गए हैं। परंपरागत आईपीओ के विपरीत एसएमई आईपीओ चार महीने में बाजार में आ सकते हैं। ’
वर्ष 2012 में पेश एसएमई प्लेटफॉर्म अन्य आईपीओ से अलग है और इसके नियम भी अलग हैं। उदाहरण के लिए ऑफर दस्तावेज को बाजार नियामक सेबी द्वारा नहीं बल्कि उन एक्सचेंजों द्वारा मंजूरी दी जाती है जिन पर वे सूचीबद्ध होते हैं। एसएमई निर्गम के लिए न्यूनतम आवेदन आकार करीब 1 लाख रुपये है जबकि मुख्य बाजार के निर्गमों के लिए यह लगभग 15,000 रुपये है।
इस साल कुछ एसएमई निर्गमों के लिए मांग तेजी का संकेत है। सितंबर में कहन पैकेजिंग के 5.7 करोड़ रुपये के आईपीओ को 730 गुना अभिदान मिला था और इसके लिए 4,000 करोड़ रुपये मूल्य से ज्यादा के आवेदन मिले थे। चित्तौड़गढ़ पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार ऐसे 10 निर्गम आए हैं जिनमें इस साल 336 गुना और 730 गुना के बीच आवेदन मिले। बाजार कारोबारियों का मानना है कि आपको इस क्षेत्र में निवेश करते वक्त सतर्क रहने की जरूरत होगी क्योंकि इनमें पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है और संचालन मानक कमजोर हो सकते हैं।
Also read: Closing Bell: शेयर बाजार फ्लैट, Sensex 33 अंक चढ़ा, Nifty 19,450 के नीचे
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इन्वेंचर मर्चेंट बैंकर सर्विसेज पर एक एसएमई आईपीओ के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सेबी ने अपने आदेश में एसएमई आईपीओ में कार्यशील पूंजी की आवश्यकता के अनुमान में विफलता, गलत जानकारी देने और निर्धारित समय में छमाही रिपोर्ट सौंपने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
सेबी ने कहा है कि बैंकर कार्यशील पूंजी अनुमान के संबंध में सिर्फ ओमनीपोटेंट इंडस्ट्रीज द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों पर निर्भर रहा और उसने स्वतंत्र रूप से सत्यापन पर ध्यान नहीं दिया।