Categories: बाजार

इक्विटी म्युचुअल फंडों में सुस्त निवेश

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:06 PM IST

वैश्विक स्तर पर महंगाई की चिंता से बाजार में उतारचढ़ाव के बीच इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश अप्रैल में मासिक आधार पर 44 फीसदी घटकर 15,890 करोड़ रुपये रह गया।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, पिछले महीने शुद्ध निवेश में कमी की वजह निवेशकों की तरफ से अपने निवेश को लेकर सतर्क रुख को बताया जा सकता है क्योंंकि निवेश का माहौल चुनौतीपूर्ण है। अप्रैल में मार्च के मुकाबले अपेक्षाकृत कम निवेश मिलने के तौर पर यह स्पष्ट हुआ है।
रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण भूराजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें व देसी महंगाई में इजाफे का असर हाल के महीनों में बाजार के प्रदर्शन पर पड़ा है, जिससे इक्विटी योजनाओं का प्रदर्शन कमजोर रहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से आगे ब्याज दरों में और आक्रामक बढ़ोतरी को लेकर चिंता की पृष्ठभूमि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाली कर रहे हैं और इस वजह से कई शेयरों की दोबारा रेटिंग भी हुई है।
काफी उतारचढ़ाव के बाद बीएसई सेंसेक्स अप्रैल में 2.57 फीसदी टूटा जबकि बीएसई मिडकैव इंडेक्स व बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 1.29 फीसदी व 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इस महीने शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का योगदान भी अप्रैल में 11,863 करोड़ रुपये रहा। एसआईपी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां अप्रैल में 5.78 लाख करोड़ रुपये रही, जो मार्च में 5.76 लाख करोड़ रुपये रही थी।
बाजार के प्रतिभागियों का मानना है कि इक्विटी फंडों में निवेश शुरू करने वाले निवेशकों के लिए बाजार में गिरावट प्रवेश का सही पॉइंट हो सकता है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, वित्त वर्ष 23 में यह सही शुरुआत है क्योंंकि म्युचुअल फंड योजनाओं मेंं शुद्ध निवेश सकारात्मक रहा है और लगातार 12वें महीने इक्विटी में निवेश सकारात्मक बना रहा। अप्रैल 2022 में बाजार में उतारचढ़ाव के बावजूद म्युचुअल फंड परिसंपत्ति वर्ग पर खुदरा निवेशकों का भरोसा मजबूत बना रहा, क्योंंकि खुदरा एयूएम में सालाना आधार पर 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।
अप्रैल में डेट फंडों में 54,757 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जिसे लिक्विड फंडों, अल्ट्रा शॉर्ट ड््यूरेशन फंडों और मनी मार्केट फंडों में भारी निवेश से सहारा मिला। हाइब्रिड फंडों में निवेश अप्रैल में करीब दोगुना होकर 7,240 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो मार्च में 3,640 करोड़ रुपये रहा था।
ईटीएफ, इंडेक्स फंड और ओवरसीज फंडों में 15,887.74 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। कुल मिलाकर उद्योग को 72,845 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल हुआ, वहीं उद्योग की औसत शुद्ध प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 38.9 लाख करोड़ रुपये की रही।

First Published : May 10, 2022 | 11:53 PM IST