शेयर बाजार

चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का घट रहा है अनुपात

एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) में 13 मई के अपने-अपने निचले स्तर से 5-5 फीसदी की उछाल आई है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- May 26, 2024 | 9:32 PM IST

पिछले हफ्ते की समाप्ति के बाद से बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर हुआ है जबकि बेंचमार्क सूचकांक नई ऊंचाई पर पहुंच गए।

एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) में 13 मई के अपने-अपने निचले स्तर से 5-5 फीसदी की उछाल आई है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 में इस महीने अपने-अपने निचले स्तर से करीब 9 फीसदी का इजाफा हुआ है।

हालांकि बाद में बाजार में थकावट के संकेत दिखे और चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात नकारात्मक हो गया। निफ्टी और निफ्टी मिडकैप 100 ने हालांकि मोटे तौर पर अपनी बढ़त की रफ्तार जारी रखी है लेकिन गिरने वाले शेयरों की संख्या चढ़ने वाले शेयरों से ज्यादा हो गई।

इसके अतिरिक्त निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने पिछले चार में से तीन कारोबारी सत्रों में नुकसान दर्ज किया है। पिछले हफ्ते चार में से तीन कारोबारी सत्रों में चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात एक से कम रहा जिससे संकेत मिलता है कि बेतहाशा तेजी के के बाद माइक्रो व स्मॉलकैप में झनझनाहट हो रही है।

पिछले हफ्ते संस्थागत खरीद में फिर से उभार देखने को मिला। यह रुझान मोटे तौर पर बड़े शेयरों के पक्ष में जाता है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि फोकस में बदलाव से अक्सर निवेशकों और ट्रेडरों के लिए वायदा और विकल्प क्षेत्र ज्यादा आकर्षक बन जाता है जो लार्जकैप पर ध्यान देते हैं और चुनिंदा स्मॉलकैप व मिडकैप पर ही नजर रखते हैं।

चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात नकारात्मक रह सकता है क्योंकि बाजार के ऊपर जाने के लिए कोई संकेत नहीं बचा है और चुनाव के नतीजे जैसे उठापटक वाले घटनाक्रम का समय नजदीक आ रहा है।

स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा कि जब हम चुनाव जैसे अहम घटनाक्रम के करीब आते हैं तो सबसे अच्छा यह होता है कि मुनाफावसूली करें और बाजार से बाहर हो जाएं और कुछ रकम अपने पास रखें।

First Published : May 26, 2024 | 9:32 PM IST