TCS Q2 preview: टीसीएस के गुरुवार को जारी होने वाले नतीजों के साथ शेयर बाजार में इस हफ्ते से रिजल्ट सीजन शुरू हो जाएगा। ट्रंप टैरिफ, जियोपॉलिटिकल टेंशन, एआई से मची उथल-पुथल और कमजोर वैश्विक मांग का असर बीते कुछ महीनों से भारतीय आईटी कंपनियों पर देखने को मिला। टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो जैसे दिग्गज आईटी शेयर में पिछली एक तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक स्तर पर आईटी कंपनियों लेकर डिमांड में सुस्ती देखी जा रही है। घरेलू स्तर पर आईटी सेक्टर की कंपनियां शॉर्ट टर्म में अमेरिकी टैरिफ और एच1 बी वीजा नियमों में पाबंदी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
ज्यादातर ब्रोकरेज हाउसेस का कहना है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन मिलाजुला रह सकता है। इससे पिछली तिमाही में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन नरम या उम्मीद से कमजोर रहा था। इस तिमाही में आईटी सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है या मामूली वृद्धि देखने को मिल सकती है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (TCS) गुरुवार को भारत की कॉरपोरेट सेक्टर की दूसरी तिमाही (Q2) की अर्निंग्स सीजन की शुरुआत करेगी। एनालिस्ट का मानना है कि यह आईटी दिग्गज तिमाही आधार पर मामूली वृद्धि दर्ज कर सकती है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की तरफ से जुटाए गए अनुमानों के अनुसार, टीसीएस का रेवेन्यू पिछले तिमाही के मुकाबले 2.7 प्रतिशत बढ़कर 65,150.30 करोड़ रुपये रह सकता है। एनालिस्ट्स ने टॉपलाइन ग्रोथ में सुस्ती का कारण भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) प्रोजेक्ट से कम योगदान को बताया है।
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Nomura
नोमुरा का मानना है कि टीसीएस का राजस्व में तिमाही आधार पर (Q-o-Q) 0.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इसका मुख्य कारण बीएसएनएल प्रोजेक्ट से कम योगदान होना है। ब्रोकरेज को विकसित बाजारों में मामूली वृद्धि की उम्मीद है।
ब्रोकरेज ने EBIT मार्जिन के तिमाही आधार पर स्थिर रहने की संभावना जताई गई है, क्योंकि BSNL प्रोजेक्ट के मार्जिन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को वेतन वृद्धि के प्रभावी असर से संतुलित किया जा सकता है।
नोमुरा का कहना है कि मुख्य रूप से नजर इस बात पर रहेगी कि टीसीएस का पुनर्गठन पर क्या आउटलुक है और यह कारोबार पर कैसा प्रभाव डालेगा। खासतौर पर अमेरिका में बढ़ती मैक्रो अस्थिरता के बीच क्लाइंट खर्च के रुझानों पर।
Motilal Oswal
मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि टीसीएस की राजस्व में लगभग 1 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि हो सकती है (CC टर्म्स में। यह अंतरराष्ट्रीय कारोबार में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी से संचालित होगी, जबकि भारत का कारोबार स्थिर रहने की उम्मीद है। ब्रोकरेज का कहना है कि बीएसएनएल प्रोजेक्ट की गति तीसरी तिमाही में बढ़ सकती है।
ब्रोकरेज के अनुसार, EBIT मार्जिन में लगभग 20 बेसिस पॉइंट की गिरावट का अनुमान है। इसका कारण एक महीने की वेतन वृद्धि का असर, टैलेंट इन्वेस्टमेंट, कम यूटिलाइजेशन और सीमित ऑपरेटिंग लीवरेज बताया गया है।
ब्रोकरेज ने कहा कि शॉर्ट टर्म डिमांड ट्रेंड, टेक्नोलॉजी खर्च, बैंकिंग और BFSI वर्टिकल्स का प्रदर्शन और डील विन्स पर नजर रखी जानी चाहिए। साथ ही, प्राइसिंग प्रेशर, क्लाइंट बिहेवियर में बदलाव और जनरेटिव AI के कारण चल रहा ट्रांज़िशन यह दर्शाता है कि वेंडर अपनी प्राइसिंग और डिलीवरी मॉडल को पुनर्संरेखित कर रहे हैं।
Nuvama
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि टीसीएस की आय में तिमाही आधार पर 0.2 फीसदी बढ़त हो सकती है। यह बढ़त कॉनस्टेंट करंसी और अमेरिकी डॉलर, दोनों में दिख सकती है। बीएसएनएल डील का काम पिछली तिमाही में खत्म हो गया है, इसलिए भारत में कारोबार स्थिर रहने की उम्मीद है।
हालांकि, वेतन बढ़ोतरी का असर एक महीने तक रहेगा, फिर भी EBIT मार्जिन में करीब 20 बेसिस पॉइंट की बढ़त हो सकती है। नुवामा का कहना है कि वे टीसीएस की अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर राय, टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता और कर्मचारियों में बदलाव की जानकारी पर खास ध्यान देंगे।