नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सक्रियता से ट्रेड होने वाले करीब एक तिहाई शेयर 3 जून के अपने स्तर से नीचे बने हुए हैं जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स (Sensex) ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई छू ली है।
एनएसई (NSE) पर सक्रियता से ट्रेड होने वाले 2,525 शेयरों में से 966 शेयर शुक्रवार को सोमवार के बंद भाव के मुकाबले गिरकर बंद हुए। सोमवार को बेंचमार्क सूचकांकों ने एक्जिट पोल के बाद तीन फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की थी, जिससे लग रहा था कि भाजपा की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को लोक सभा में दो तिहाई बहुमत मिल सकता है।
हालांकि जब वास्तविक नतीजों से पता चला कि भाजपा बहुमत का आंकड़ा भी पार करने में नाकाम रही है और अब सरकार बनाने के लिए उसे सहयोगी पार्टियों पर आश्रित रहना होगा तो बेंचमार्क सूचकांक 9 फीसदी तक लुढ़क गए। केंद्र में यही सरकार फिर से बने रहने की उम्मीदों से बाजारों को मंगलवार के सभी नुकसान की भरपाई करने में मदद मिली।
शुक्रवार को सेंसेक्स 76,795 अंकों की नई ऊंचाई को छू गया और उसने 3 जून की अपनी पिछली ऊंचाई 76,738.89 को पार कर लिया। निफ्टी भी नई ऊंचाई के पास पहुंच गया। हालांकि बढ़ते सूचकांक में हर शेयर ऊपर नहीं उठा।
निफ्टी-50 के 18 शेयर और निफ्टी-500 के 193 शेयर अभी भी पूरी तरह पुराने भाव पर नहीं आ सके हैं। पिछड़ने वाले शेयरों की सूची में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसई), बुनियादी ढांचा क्षेत्र के शेयर और अदाणी समूह की फर्में शामिल हैं।
ऐक्सिस ऐसेट मैनेजमेंट के सीआईओ आशिष गुप्ता ने कहा कि राजग को तीसरा कार्यकाल मिला है और इससे अगले पांच साल तक राजनीतिक स्थिरता का संकेत मिलता है। हमें उम्मीद है कि बाजार सरकार की आर्थिक नीतियों मसलन बजट और सरकार के 100 दिन के एजेंडे पर नजर रखेगा।
पिछले कुछ दिनों में हो रहे उतारचढ़ाव से पता चलता है कि अच्छे दिनों में निवेशकों को क्यों निवेशित रहना चाहिए और गिरावट का फायदा उठाते हुए इक्विटी में अपना निवेश बढ़ाना चाहिए।
एनएसई 500 के शेयरों में टीटागढ़ रेल सिस्टम, आरईसी और अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस अभी भी 3 जून के स्तर से 17-17 फीसदी नीचे हैं। इस बीच, निफ्टी-50 में शामिल अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, अदाणी एंटरप्राइजेज और बीपीसीएल भी काफी नीचे हैं।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा कि पिछले 10 साल में भाजपा की नीतियों ने बुनियादी ढांचा और बुनियादी विकास से जुड़े क्षेत्रों को तवज्जो दी। अब सरकार में घटक दलों के शामिल होने से जोर कल्याणकारी योजनाओं पर होगा जिससे उपभोग और ग्रामीण मांग बढ़ेगी। यही वजह है कि एफएमसीजी बेहतर कर रहे हैं। पीएसयू का भाव काफी ज्यादा हो गया था और उनमें गिरावट आनी ही थी।
दूसरी ओर, ज्यादा लाभ हासिल करने वालों में सूचना प्रौद्योगिकी, एफएमसीजी और वित्तीय शेयर हैं। बीकाजी फूड्स 3 जून के बाद से 20 फीसदी चढ़ा है वहीं टेक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और विप्रो में करीब 10-10 फीसदी का इजाफा हुआ है। ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन के इक्विटी रणनीतिकारों वेणुगोपाल गैरे और निखिल अरेला का मानना है कि 4 जून को हुई बिकवाली की तीव्रता काफी ज्यादा थी।
उन्होंने एक नोट में कहा कि हमें लगता है कि पूंजीगत खर्च की कीमत पर सब्सिडी पर ध्यान दिया जा सकता है, लेकिन हमें अल्पावधि में बहुत ज्यादा असर नहीं नजर आता।
23,320 के उच्चस्तर को छूने के बाद निफ्टी-50 शुक्रवार को 23,290 पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध शेयरों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 423.5 लाख करोड़ रुपये रहा जो 3 जून के बंद स्तर से 2.42 लाख करोड़ रुपये कम है। हालांकि नतीजे के दिन के बंद स्तर के बाद से यह करीब 29 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है।