Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सोमवार (7 अप्रैल) को 10 महीने के निचला स्तर छू लिया। ट्रंप टैरिफ की वजह से बिकवाली तेज होने और वैश्विक मंदी के बढ़ते डर के बीच निवेशकों ने जोखिमपूर्ण एसेट्स को बेचना शुरू कर दिया।
निफ्टी-50 इंडेक्स में 3.24% की गिरावट आई और यह 22,161.1 पर बंद हुआ। जबकि बीएसई सेंसेक्स 2.95% गिरकर 73,137.9 पर बंद हुआ। दोनों बेंचमार्क्स ने 4 जून, 2024 के बाद से अपनी सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट दर्ज की है।
भारतीय शेयर बाजार में 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजों के दिन बड़ी गिरावट आई थी। बेंचमार्क इंडेक्स इस दिन 5 प्रतिशत से ज्यादा गिरा था। सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,079.05 पर और निफ्टी 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,884.50 पर बंद हुआ था।
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को आई बड़ी गिरावट से निवेशकों को तगड़ा नुक्सान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप गिरकर 3,90,70,081.92 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। यह शुक्रवार को 404,09,600 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह निवेशकों की वेल्थ आज 13,39,519 करोड़ रुपये घट गई।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज (BSE Sensex) 4000 अंक के करीब गिरकर 71,449.94 पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान इंडेक्स 71,425.01 अंक तक लुढ़क गया था। अंत में सेंसेक्स 2226.79 अंक या 2.95% की बड़ी गिरावट लेकर 73,137.90 पर बंद हुआ।
इसी तरह नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी 1000 अंक से ज्यादा की गिरावट लेकर 21,758.40 पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान इंडेक्स 21,743.65 अंक तक गिर गया था। अंत में यह 742.85 अंक या 3.24% गिरकर 22,161.60 पर क्लोज हुआ।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के टेक्निकल रिसर्च प्रमुख रचित जैन ने कहा, “ऐसी स्थिति में, वैश्विक लेवल पर घटाक्रम शॉर्ट टर्म में बाजार की दिशा तय करेंगे। ऐसे में शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपनानी चाहिए।”
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि किसी को भी यह अंदाजा नहीं है कि ट्रंप के टैरिफ्स से पैदा हुई यह हलचल कैसा रूप लेगी। इस उथल-पुथल के दौर में वेट एंड वॉच सबसे अच्छा रणनीति होगी।”
उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोग से संबंधित सेक्टर्स जैसे फाइनेंशियल, एविएशन, होटल, चुनिंदा ऑटो, सीमेंट, डिफेन्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म कंपनियां इस संकट से उम्मीद से कम प्रभावित हो सकती हैं।
Stoxkart के डायरेक्टर और सीईओ प्रणय अग्रवाल ने कहा, ”आज का ब्लैक मंडे भारतीय बाजारों को झटका दे गया है। लेकिन निवेशकों और ट्रेडरों को संयम रखना चाहिए। निवेशकों को पैनिक सेलिंग से बचना चाहिए। साथ ही एसआईपी जारी रखनी चाहिए और क्वालिटी वाले शेयरों को डिस्काउंटेड प्राइस पर खरीदने पर विचार करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”पोर्टफोलियो रिव्यू करें और विविधता बनाए रखें। ट्रेडरों को कैपिटल की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। अपने ट्रेडिंग प्लान्स पर टिके रहना चाहिए और ओवरट्रेडिंग से बचना चाहिए। उतार-चढ़ाव अवसर लाता है, लेकिन यह केवल मजबूत रिस्क मैनेजमेंट के साथ संभव है। उचित स्टॉप-लॉस और पोजीशन साइजिंग का उपयोग करें। अमेरिकी बाजारों और कच्चे तेल जैसी वैश्विक संकेतों की निगरानी करें।”
अग्रवाल ने कहा, ”याद रखें, “यह भी गुजर जाएगा।” मुनाफे से अधिक प्रोसेस पर ध्यान केंद्रित करें और अनिश्चित समय में स्पष्टता के लिए भरोसेमंद समुदायों या विश्लेषकों की मदद लेने से न हिचकिचाएं। अनुशासित और रणनीतिक बने रहें।”
Quantace Research स्मॉलकेस मैनेजर और फाउंडर कार्थिक जोनगदला ने कहा, ”राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा 26% टैरिफ लागू करने के बाद निवेशक भावना को महत्वपूर्ण झटका लगा। इससे आईटी स्टॉक्स पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा। यह घटनाक्रम बढ़ी हुई बाजार चिंताओं को दर्शाता है। वर्तमान में निफ्टी लगभग 22,000 पर कारोबार कर रहा है और इसका ट्रेलिंग P/E 20 है—यह स्तर उस समय के समान हैं जब इंडेक्स 2022 के मध्य में लगभग 16,300 था, जो पिछले निचले स्तरों से 35% की वृद्धि के बाद था।”
उन्होंने कहा, ”हमें विश्वास है कि प्राइवेट बैंक, FMCG, OMCs और पेंट्स सेक्टर रिकवरी की अगुवाई करेंगे। जबकि आईटी सेक्टर में कमजोरी रहने की संभावना है।”