शेयर बाजार

शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी, सेंसेक्स 84,000 के पार; निफ्टी 25,638 पर बंद

ईरान-इजरायल तनाव कम होने और अमेरिका-चीन व्यापार समझौते की उम्मीद से बाजार में चौथे दिन भी तेजी जारी रही, सेंसेक्स 84,000 और निफ्टी 25,600 के ऊपर बंद हुआ।

Published by
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- June 27, 2025 | 11:33 PM IST

शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन भी तेजी जारी रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 1 अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार 84,000 का स्तर पार कर गया। पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच घमासान थमने और अमेरिका और उसके साझेदार देशों के बीच व्यापार समझौते होने की उम्मीदें बढ़ने से निवेशकों ने जमकर दांव लगाए।

दोनों मानक सूचकांकों ने 2  फीसदी की साप्ताहिक बढ़त दर्ज की। यह 16 मई को समाप्त हुए सप्ताह के बाद सर्वाधिक साप्ताहिक बढ़त है। एनएसई निफ्टी 89 अंक (0.35 फीसदी) चढ़ कर 25,638  पर बंद हुआ और बीएसई सेंसेक्स भी 303 अंक (0.36 फीसदी) की बढ़त बनाकर 84,059 पर पहुंच गया। दोनों ही सूचकांक 1 अक्टूबर के बाद अपने सर्वोच्च स्तरों पर बंद हुए हैं। इस सप्ताह निफ्टी स्मॉलकैप और मिडकैप 100  सूचकांकों में क्रमशः 4.3 फीसदी और 2.4  फीसदी तेजी आई।

इस सप्ताह बाजार में आई तेजी में एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अहम भूमिका निभाई। ये दोनों ही शेयर सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ा वजूद रखते हैं। विभिन्न ब्रोकरेज कंपनियों से आय के मजबूत अनुमानों के दम पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी दर्ज की और इस सप्ताह शेयर 3.5  फीसदी उछल गया। पूंजी पर कमतर लागत और मजबूत जीडीपी वृदि्ध की उम्मीदों से एचडीएफसी बैंक में भी इस सप्ताह 2.5  फीसदी की तेजी आई।

निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही 27 सितंबर को दर्ज अपने अब तक के सर्वोच्च स्तरों से सिर्फ 3  फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। इस सप्ताह ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के बाद तेल के दाम कम हो गए जिससे बाजार में निवेशकों का उत्साह काफी बढ़ गया।

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा के बाद शुक्रवार को ज्यादातर एशियाई बाजारों में तेजी दिखी। इस समझौते को दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव कम होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लटनिक ने शुक्रवार को कहा कि चीन के बाद 10 अन्य बड़े व्यापारिक साझेदार देशों के साथ समझौते हो सकते हैं।

निफ्टी धातु सूचकांक का प्रदर्शन शानदार रहा और इस सप्ताह इसमें लगभग 5 फीसदी तेजी आई। डॉलर कमजोर पड़ने से जिंसों के कारोबार की संभावनाएं मजबूत हो गईं और धातु सस्ते हो गए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बड़ी कटौती की उम्मीद और व्यापार समझौतों के लिए निर्धारित 9 जुलाई की समय सीमा पर अनिश्चितता बरकरार रहने से डॉलर दबाव में आ गया है।

एक स्वतंत्र शेयर विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘वैश्विक हालात अब बेहतर लग रहे हैं। अमेरिका और उसके साझेदार देशों के बीच व्यापार समझौते होने की उम्मीदें भी अब वास्तविक लगने लगी हैं। फिलहाल यह तो कोई नहीं कह सकता कि 9  जुलाई से पहले जवाबी शुल्क का कोई ठोस समाधान निकल पाएगा या नहीं मगर सौदे नहीं हुए तो समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।’

बाजार में कारोबार का दायरा बेहद मजबूत रहा। बाजार में 2,165 शेयरों में बढ़त दिखी जबकि 1,846 में गिरावट आई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 1,397 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध

खरीदारी जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 589 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 2.5 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 460 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

कोटक सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा, ‘जिन निवेशकों की रुझानों में अधिक दिलचस्पी होती है उन्हें बता दूं कि निफ्टी में 25,500-25,300 और सेंसेक्स में 83,300-82,700 के बीच थोड़ा ठहराव दिख सकता है। बाजार जब तक इन स्तरों से ऊपर रहेगा तब तक बढ़त जारी रहने की उम्मीद है। निफ्टी और सेंसेक्स के लिए 25,800 और 84,400 के स्तर पर प्रतिरोध हो सकता है।’

First Published : June 27, 2025 | 11:14 PM IST