प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
मॉर्गन स्टैनली को उम्मीद है कि सेंसेक्स जून 2026 तक 89,000 के स्तर तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब है कि इसमें मौजूदा स्तर से 8 प्रतिशत की तेजी आएगी। बुधवार को सेंसेक्स 410 अंक बढ़कर 81,596 पर बंद हुआ। विदेशी ब्रोकरेज की एक रिपोर्ट में घरेलू बाजार के लिए मजबूत बुनियादी बातों की पहचान की गई है।
मॉर्गन स्टैनली के इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई और नयंत पारेख ने एक नोट में कहा, ‘व्यापार की बेहतर शर्तों, घटते प्राथमिक घाटे और कम मुद्रास्फीति अस्थिरता के साथ मजबूत आर्थिक हालात से अगले तीन से पांच वर्षों में सालाना आधार पर आय वृद्धि में सुधार की संभावना है।’इसके अलावा आरबीआई के कदम, तेल कीमतों में स्थिरता, हाल के भूराजनीतिक घटनाक्रम के आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मजबूत क्षमता जैसे सकारात्मक बदलाव भी मददगार हैं। मॉर्गन स्टैनली ने ‘तकनीकी मददगार’ कारकों जैसे कि रिटेल निवेशकों की लगातार खरीदा, कम अस्थिरता और वर्ष 2000 के बाद से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की सबसे कमजोर स्थिति का भी जिक्र किया।
पोर्टफोलियो स्ट्रैटजी के लिहाज से मॉर्गन स्टैनली को ‘डिफेंसिव और ‘एक्स्टर्नल-फेसिंग’ सेक्टरों के बजाय ‘घरेलू चक्रीयता’ को पसंद है। वह फाइनैंशियल, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी और इंडस्ट्रियल पर ओवरवेट है तथा ऊर्जा, मैटेरियल्स, यूटिलिटीज और हेल्थकेयर पर अंडरवेट है।
ब्रोकरेज ने प्रमुख जोखिमों को स्वीकार करते हुए कहा, ‘एक वैश्विक मंदी या मंदी जैसी स्थिति हमारे अनुमानों को चुनौती देगी। लंबी अवधि की चिंताओं में न्यायपालिका में क्षमता की कमी, तकनीकी उद्योग पर एआई का प्रभाव, कृषि क्षेत्र में कम उत्पादकता और राज्यों के स्तर पर वित्तीय चुनौतियां शामिल हैं।’