पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) गौतम अदाणी के नेतृत्व वाली कम से कम तीन कंपनियों के शेयरों में कुछ इकाइयों द्वारा खरीद-बिक्री की जांच कर रही है। मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि अदाणी की इन कंपनियों में अदाणी पावर, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अंबुजा सीमेंट्स शामिल हो सकती हैं। भेदिया कारोबार से संबंधित प्रतिभूति नियमों के कथित उल्लंघन में इनके खिलाफ जांच चल रही है।
मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि बाजार नियामक ने इस महीने की शुरुआत में इन फर्मों से संबंधित कीमतों की अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी कुछ लोगों को होने और उसका उपयोग उक्त कंपनियों के शेयरों में भेदिया कारोबार अथवा अनुचित लाभ के किए जाने की आशंका में पूछताछ की थी।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार कुछ इकाइयों और लोगों को 2022 में अलग-अलग समय पर अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी होने का संदेह है। समझा जाता है कि सेबी ने निर्धारित समयसीमा में कीमत से संबंधित अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी के संदिग्ध दुरुपयोग के बारे में ब्योरा और दस्तावेज मांगे हैं।
अदाणी पावर के मामले में फरवरी से मार्च 2022 के बीच की जानकारी मांग गई है। अदाणी ग्रीन के लिए मार्च से अप्रैल 2022 के बीच और अंबुजा के मामले में जुलाई से अक्टूबर 2022 के बीच की जानकारी मांगी गई है। यह पता नहीं चला कि खास अवधि का ब्योरा ही क्यों मांगा गया है।
सेबी के भेदिया कारोबार निषेध नियम के अनुसार कीमत की अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी उजगार करना अपराध है और इस तरह की सूचना पाकर शेयर खरीदने-बेचने वाले व्यक्ति पर भेदिया कारोबार का आरोप लग सकता है।
कई बार आग्रह किए जाने के बाद भी पिछले सप्ताह अदाणी समूह को भेजे गई सवालों का कोई जवाब नहीं आया। सेबी ने इस मामले में बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवाल का जवाब नहीं दिया।
सेबी अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर लगाए गए कई आरोपों की जांच कर रहा है। यह जांच भी इसी का हिस्सा है।
भेदिया कारोबार के उल्लंघन के अलावा बाजार नियामक तीसरे पक्ष से जुड़े लेन-देन, न्यूनतम शेयरधारिता नियम, शेयर कीमतों में धांधली, विदेशी पोर्टफोलियो नियमन सहित कई अन्य मामलों की भी पड़ताल कर रहा है।
इस साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अदाणी समूह पर लेखा नियमों में फर्जीवाड़े और शेयर भाव में धांधली करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे।