पिछले कुछ दिनों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) के शेयरों में तेज गिरावट के बावजूद जेफरीज के विश्लेषक इस सेगमेंट पर तेजी का नजरिया बरकरार रखे हुए हैं। हालिया नोट में उन्होंने कहा है कि इस क्षेत्र में भारतीय स्टेट बैंक, कोल इंडिया और एनटीपीसी उनके पसंदीदा शेयर हैं। उन्होंने कहा कि पीएसयू इंडेक्स ने पिछले 12 महीने में निफ्टी-50 के मुकाबले 70 फीसदी से ज्यादा का उम्दा प्रदर्शन किया है। यह बढ़ोतरी 2020 से पहले एक दशक के कमजोर प्रदर्शन के बाद देखने को मिली है।
जेफरीज ने कहा कि पिछले कुछ सत्रों में तेज गिरावट से पहले के हालिया उम्दा प्रदर्शन को प्रति शेयर आय में इजाफा और इक्विटी पर रिटर्न में सुधार से मदद मिली थी। जेफरीज के प्रबंध निदेशक महेश नंदूरकर ने अभिनव सिन्हा और निशांत पोद्दार के साथ लिखे नोट में कहा कि उम्दा प्रदर्शन के बावजूद पीएसयू इंडेक्स का पीई अनुपात 12.2 गुना है जो निफ्टी के मुकाबले 40 फीसदी छूट दर्शाता है। पीएसयू इंडेक्स का 2012 से पहले का मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है, लेकिन हमारा मूल्यांकन बताता है कि पीएसयू बैंक, बिजली-कोयला यूटिलिटीज और चुनिंदा तेल और इन्फ्रा कंपनियों का गुणक 2006-12 के बीच काफी ज्यादा था।
जेफरीज के नोट के मुताबिक कुछ साल पहले पीएसयू की इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) 14-15 फीसदी से फिसलकर 4 से 6 फीसदी पर आ गया था जिसकी मुख्य वजह पीएसयू बैंक थे जिन्होंने उसे नीचे खींचा। तब से कुल आरओई सुधरकर 12-13 फीसदी पर आ गया है क्योंकि लाभ में सुधार हुआ है और आगे इसमें और सुधार की उम्मीद है। नोट में कहा गया है कि ब्रोकरेज फर्मों ने ज्यादातर पीएसयू के ईपीएस को अपग्रेड किया है, जिसमें अपवाद के तौर पर ओएनजीसी, कॉनकॉर और बीएचईएल शामिल हैं।
दूसरी ओर कोटक सिक्योरिटीज का इस क्षेत्र पर सतर्क रुख बरकरार है। उसका कहना है कि बाजार जरूरत से ज्यादा अल्पावधि के पीएसयू कंपनियों के ऑर्डर और लाभ पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। साथ ही वह मध्यावधि के लाभ, कारोबारी मॉडल की चुनौतियों व अवरोध के जोखिमों आदि को नजरअंदाज कर रहा है।
इस बीच एक्सचेंजों पर बीएसई पीएसयू इंडेक्स पिछले 12 महीने में 90 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। अलग-अलग शेयरों की बात करें को उनमें इस अवधि में तेजी के कारण 19 से 443 फीसदी तक का रिटर्न सृजित हुआ है। कैपिटल गुड्स, बिजली यूटिलिटीज, फाइनैंशियल और तेल, गैस व उपभोग वाले ईंधन इस दौरान पीएसयू की तेजी में खास तौर पर अग्रणी रहे हैं।
ऐस इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार कैलेंडर वर्ष 24 में अब तक आईआरएफसी, एनबीसीसी, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब ऐंड सिंध बैंक, हुडको, यूको बैंक, राइट्स, रेल विकास निगम लिमिटेड, इंडियन ऑयल में 29 फीसदी से लेकर 55 फीसदी तक की उछाल दर्ज हुई है। “