दिसंबर तिमाही में जमाओं में कमजोर वृद्धि के बीच मार्जिन में उम्मीद के मुताबिक धीमी रिकवरी को लेकर चिंता से एचडीएफसी बैंक में बुधवार को तीन साल की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट देखने को मिली।
देश के सबसे बड़े निजी बैंक का शेयर कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई पर 9 फीसदी फिसलकर 1,527 रुपये के निचले स्तर पर आ गया और इस तरह से शेयर ने 4 मई, 2020 के बाद कारोबारी सत्र की सबसे तेज गिरावट दर्ज की क्योंकि तब इसमें 8.4 फीसदी की गिरावट आई थी। बंद भाव के आधार पर एचडीएफसी बैंक का शेयर 5 मई, 2023 को 5.9 फीसदी गिरा था।
बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में बुधवार को आई 1,628 अंकों की गिरावट में एचडीएफसी बैंक का योगदान करीब 60 फीसदी रहा। इस शेयर ने बीएसई बैंकेक्स इंडेक्स को भी 4 फीसदी नीचे खींच लिया।
बैंक के शेयर में गिरावट इसलिए आई क्योंकि दिसंबर तिमाही में खुदरा जमाएं तिमाही आधार पर 2.9 फीसदी की वृद्धि के साथ 53,000 करोड़ रुपये रही, वहीं कुल जमाओं में महज 1.9 फीसदी का इजाफा हुआ। वित्त वर्ष 24 के नौ महीने में औसत तिमाही शुद्ध जमाओं में वृद्धि 63,600 करोड़ रुपये रही जबकि बैंक ने 1 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य सामने रखा था।
इसके साथ ही लोन टु डिपॉजिट (एलडीआर) अनुपात भी बढ़ककर 110 फीसदी पर पहुंच गया जबकि तिमाही आधार पर यह 107 फीसदी रहा। बैंक ने उधारी में 1.15 लाख करोड़ रुपये की हुई बढ़त की फंडिंग जमा वृद्धि (41,100 करोड़ रुपये) और निवेश में कमी (48,500 रुपये नीचे) के अलावा नकदी व नकदी समकक्ष (9,600 करोड़ रुपये) के जरिये की। इसके मुताबिक, लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (एलसीआर) दूसरी तिमाही के 121 फीसदी से घटकर तीसरी तिमाही में 110 फीसदी पर आ गया।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, 110 फीसदी एलडीआर के साथ बैंक को जमाओं में तेजी से वृद्धि करनी होगी क्योंकि उच्च एलडीआर से उधारी में वृद्धि अल्पावधि के लिहाज से अवरुद्ध हो सकती है। बैंक को मौजूदा कर्ज वृद्धि को बरकरार रखने के लिए जमाओं में तेजी से वृद्धि करनी होगी।
प्रबंधन ने कहा कि जमाओं की वृद्धि में सबसे बड़ा अवरोध व्यवस्था में नकदी की कमी रही। हालांकि उसका मानना है कि बैंक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रहा है। बैंक ने जमाओं में कमजोर वृद्धि के लिए शाखाओं के विस्तार की धीमी रफ्तार को भी जिम्मेदार ठहराया।
वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक का परिचालन खर्च तिमाही आधार पर 3.6 फीसदी बढ़ा, लेकिन बैंक ने तिमाही में सिर्फ 146 शाखाएं और वित्त वर्ष 24 के नौ महीने में 270 शाखाएं जोड़ी जबकि लक्ष्य 1,500 शाखाओं का था।
मार्जिन की चिंता
एचडीएफसी बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) कुल परिसंपत्तियों पर तीसरी तिमाही में 3.4 फीसदी रहा और ब्याज अर्जन वाली परिसंपत्तियों पर उसका शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.6 फीसदी था। सितंबर तिमाही से तुलना करें तो दोनों एनआईएम स्थिर रहे।
विश्लेषकों का हालांकि मानना है कि एनआईएम के संभवत: निचले स्तर छोड़ने के बावजूद विस्तार में इजाफा करने वाले घटक अनुमान से धीमे नजर आ रहे हैं।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने कहा, क्रमिक आधार पर एचडीएफसी बैंक का एनआईएम सपाट रहा जबकि बढ़े हुए नकद आरक्षी अनुपात का असर और कुछ सरप्लस नकदी निकालने के बावजूद सीडी अनुपात ऊंचा रहा और एलसीआर कम रहा। हम समझ चुके हैं कि विलय के बाद एनआईएम अपना निचला स्तर छोड़ेगा, लेकिन इसने यह समझने में लंबा समय लिया है कि वहां कहां टिकेगा और सुधार की रफ्तार क्या होगी।
इसके अलावा, व्यवस्था में लगातार सख्त आदि को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि एचडीएफसी बैंक के एनआईएम में सुधार धीरे-धीरे ही होगा। इस पृष्ठभूमि में ज्यादातर ब्रोकरेज ने एचडीएफसी बैंक के आय अनुमान में कटौती की है।
नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने उधारी व ईपीएस वृद्धि का अनुमान 4 से 6 फीसदी घटाया है। परिसंपत्तियों पर 1.7-1.8 फीसदी रिटर्न को देखते हुए उसने शेयर को डाउनग्रेड कर होल्ड कर दिया है।
कोटक के विश्लेषकों ने भी शुद्ध ब्याज आय के अनुमान में वित्त वर्ष 24, वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 26 के लिए क्रमश: 3.7 फीसदी, 6.7 फीसदी और 5.8 फीसदी की कटौती की है। एनआईएम का अनुमान भी क्रमश: 7 आधार अंक, 13 आधार अंक और 9 आधार अंक घटाया गया है।
एमके ग्लोबल ने कहा, हमने वित्त वर्ष 25-26 ई के लिए आय में 3 फीसदी की कटौती की है, लेकिन लंबी अवधि के लिए इसकी खरीद की रेटिंग बरकरार रखते हुए 2,100 रुपये का लक्ष्य दिया है क्योंकि हमारा मानना है कि विलय के चलते हुई परेशानी धीरे-धीरे दूर होगी।