शेयर बाजार

बाजार स्थिर होते ही म्यूचुअल फंड योजनाओं में आने लगी तेजी

4 जून के बाद से (जब चुनाव नतीजों की घोषणा हुई थी) म्युचुअल फंडों ने 14 एनएफओ की मंजूरी के लिए बाजार नियामक सेबी से संपर्क किया है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- June 14, 2024 | 11:37 PM IST

म्युचुअल फंडों की नई फंड पेशकश (NFO) की रफ्तार और तेज हो सकती है क्योंकि चुनाव की अनिश्चितता दूर हो गई है, शेयरों की कीमतें भरोसेमंद बनी हुई हैं और उतार-चढ़ाव कम हो रहा है।

4 जून के बाद से (जब चुनाव नतीजों की घोषणा हुई थी) म्युचुअल फंडों ने 14 एनएफओ की मंजूरी के लिए बाजार नियामक सेबी से संपर्क किया है। इसके अलावा करीब दो दर्जन एनएफओ सेबी के पास पिछले दो महीने से मंजूरी के लिए पड़े हुए हैं।

खास तौर से इक्विटी में नए फंडों के पेशकश की रफ्तार शेयर बाजारों के सकारात्मक माहौल के बीच पिछले एक साल से मजबूत रही है। कैलेंडर वर्ष 2023 में म्युचुअल फंडों ने 51 ऐक्टिव इक्विटी योजनाएं पेश की थीं और इनके जरिये कुल 36,657 करोड़ रुपये जुटाए थे।

कैलेंडर वर्ष 2024 के पहले पांच महीने में म्युचुअल फंडों ने 19 ऐक्टिव इक्विटी फंड योजनाएं उतारीं और 23,515 करोड़ रुपये हासिल किए। इसमें एसबीआई ऑटोमोटिव फंड एनएफओ के 5,710 करोड़ रुपये जोड़ लें तो कुल निवेश करीब 30,000 करोड़ रुपये हो जाता है।

वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने कहा कि फंडों के लिए अपनी मौजूदा योजनाओं के मुकाबले एनएफओ के जरिये रकम जुटाना आसान होता है क्योंकि एनएफओ बेचने के लिए पिछले प्रदर्शन की दरकार नहीं होती, सिर्फ उस फंड के बारे में बताना होता है। ऐसे में शेयर बाजार के सकारात्मक माहौल की अवधि में नई पेशकशों में इजाफा होता है। निवेशकों को एनएफओ में रकम डालने से पहले उचित विश्लेषण करना चाहिए क्योंकि ज्यादातर नई पेशकश उच्च जोखिम वाले थिमेटिक क्षेत्र में हैं।

सेपिएंट फिनसर्व के संस्थापक अमित बिवालकर ने कहा कि इक्विटी में नई पेशकश बाजार के प्रदर्शन से जुड़ी होती हैं। पिछले रुझानों से यह जाहिर होता है। इस महीने सेबी के पास एनएफओ के आवेदनों में से आठ ऐक्टिव इक्विटी फंडों के हैं जबकि सात पैसिव इक्विटी फंडों में हैं।

सबमें समान श्रेणी है बिजनेस साइकल फंड और पिछले 10 दिन में तीन आवेदन बैंक ऑफ इंडिया एमएफ, मोतीलाल ओसवाल एमएफ और डीएसपी एमएफ की तरफ से किए गए हैं।

बिजनेस साइकल फंड उन क्षेत्र या थीम में निवेश की कोशिश करते हैं, जिनमें अन्य क्षेत्रों के मुकाबले रिकवरी या मजबूत वृद्धि की संभावना होती है। शेयर बाजार में तेजी के दौर में ये साइक्लिकल सेक्टर की खरीद के जरिये उच्च रिटर्न सृजित करने का प्रयास करते हैं जबकि मंदी के दौर में रक्षात्मक क्षेत्र पर दांव लगाते हैं।

हाल के महीनों में कुछ पेशकश वाली मैन्युफैक्चरिंग थीम में दो और पेशकश की संभावना है। ऐक्टिव इक्विटी में अन्य आवेदनों में बजाज फिनसर्व लार्जकैप फंड, मोतीलाल ओसवाल डिजिटल व टेक्नोलॉजी फंड और आईटीआई लार्ज ऐंड मिडकैप फंड शामिल हैं।

डेट की बात करें तो फ्रैंकलिन टेम्पलटन फंड सुधार की तैयारी कर रहा है। फंड ने उन छह डेट फंडों का लिक्विडेशन पूरा कर लिया है जिन्हें 2020 में अचानक बंद कर दिया गया था। अब उसने सेबी से मीडियम टु लॉन्ग ड्यूरेशन फंड, गिल्ट फंड (10 साल की अवधि वाला) और लॉन्ग ड्यूरेशन फंड उतारने के लिए मंजूरी मांगी है।

नियमों के तहत फंडों को ऐक्टिव इक्विटी में सिर्फ एक योजना पेश करने की इजाजत है (सेक्टोरल व थिमेटिक श्रेणी को छोड़कर)। चूंकि ज्यादातर फंड हाउस के पास ऐक्टिव फंडों की सभी श्रेणियों में फंड हैं, ऐसे में ज्यादातर पेशकश थिमेटिक और पैसिव श्रेणी में हैं।

हाइब्रिड फंड श्रेणी में भी म्युचुअल फंडों की दिलचस्पी अप्रैल 2023 में डेट फंडों के कराधान में बदलाव के बाद देखने को मिली है। मल्टी ऐसेट एलोकेशन श्रेणी ने हाइब्रिड स्पेस में सबसे ज्चादा पेशकश देखी है और वित्त वर्ष 24 में 12 पेशकश हुई है।

First Published : June 14, 2024 | 10:33 PM IST