शेयर बाजार

मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन पर प्रस्ताव में संशोधन! सेबी का फोकस — एक्सचेंजों में शक्ति संतुलन बनाए रखने पर

बाजार नियामक एमआईआई के कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारियों के सालाना वेतन-भत्ते में 25 फीसदी तक वेरिएबल वेतन शामिल करने पर भी विचार कर रहा

Published by
खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 04, 2025 | 10:53 PM IST

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी सहित बाजार के बुनियादी ढांचा संस्थानों (एमआईआई) के लिए संचालन सुधारों पर अपने जून के प्रस्ताव में संशोधन करने का विचार कर रहा है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने इसकी जानकारी दी। इसके अलावा बाजार नियामक एमआईआई के कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारियों के सालाना वेतन-भत्ते में 25 फीसदी तक वेरिएबल वेतन शामिल करने पर भी विचार कर रहा है।

सेबी ने जून में एमआईआई के प्रबंध निदेशकों के समकक्ष स्तर पर कार्यकारी निदेशकों को नियुक्त करने का प्रस्ताव किया था। इसमें प्रमुख समितियों- नियामक निरीक्षण, जोखिम प्रबंधन और प्रौद्योगिकी की अलग-अलग बैठकें विशेष रूप से ईडी के साथ करने का भी सुझाव दिया था और प्रबंध निदेशक को इस तरह की बैठकों से बाहर रखा रखने की बात कही गई।

एक सूत्र ने कहा कि पिछले महीने उद्योग के भागीदारों के साथ हुई बैठक में पाया गया कि इस तरह की संरचना से एक्सचेंजों के भीतर कई ‘शक्ति केंद्र’ बन सकते हैं, जिससे असंतुलन पैदा हो सकता है।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘अलग से रिपोर्टिंग और प्रबंध निदेशक के बिना बैठकें सूक्ष्म प्रबंधन और एक्सचेंजों के बोर्ड पर विश्वास की कमी के रूप में देखी जा सकती हैं। इससे प्रबंध निदेशक का कद कम हो सकता है। नियामक इन चुनौतियों पर भी विचार कर रहा है।’

बाजार नियामक द्वारा एक और महत्त्वपूर्ण चर्चा प्रमुख प्रबंधकीय अ​धिकारियों (केएमपी) के वेतन-भत्ते पर हुई। एक अन्य सूत्र ने कहा कि इन पदों के अ​धिकारियों के सालाना वेतन का 25 फीसदी वेरिएबल मद में रखा जा सकता है जबकि शेष 75 फीसदी फिक्स्ड किया जा सकता है। वित्त वर्ष के अंत में कुछ मापदंडों के आधार पर वेरिएबल वेतन दिया जा सकता है।

उद्योग के भागीदारों के साथ बैठक में सेबी ने सेकंडरी मार्केट सलाहकार समिति में एमआईआई के संचालन से जुड़े मामलों पर चर्चा करने के बजाय एक अलग समिति स्थापित करने पर भी विचार किया, जिसमें शेयर ब्रोकर और बाजार के प्रतिनिधि जैसे कई अन्य भागीदार शामिल हों। सूत्रों के अनुसार चूंकि एमआईआई संचालन के मामले उत्पाद से संबंधित नहीं हैं इसलिए उन पर एक अलग समिति में चर्चा की जा सकती है।

इस बारे में जानकारी के लिए सेबी को ईमेल किया गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

एक्सचेंजों की भूमिका को पहली पंक्ति के नियामक और सार्वजनिक हित वाली संस्था के रूप में मानते हुए बाजार नियामक ने जून में एमआईआई में संचालन को मजबूत करने पर परामर्श पत्र जारी किया था। सेबी ने कहा था कि इन महत्त्वपूर्ण संस्थानों में कोई भी विफलता या कुप्रबंधन प्रतिभूति बाजार और अर्थव्यवस्था में व्यापक तौर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

First Published : September 4, 2025 | 10:46 PM IST