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ईटीएफ और भारत केंद्रित फंडों में बिकवाली जारी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:37 PM IST

भारत-केंद्रित ऑफशोर फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने सितंबर तिमाही के दौरान शुद्घ निकासी दर्ज की। इस श्रेणी में लगातार चौथी तिमाही में बिकवाली दर्ज की गई। मॉर्निंगस्टार की ताजा ऑफशोर फंड स्पाई रिपोर्ट के अनुसार, शुद्घ निकासी 9.5 करोड़ डॉलर रही, जो पूर्ववर्ती तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से काफी कम है।
भारतीय इक्विटी बाजारों में तेजी आने से भारत-केंद्रित ऑफशोर फंडों और ईटीएफ का परिसंपत्ति आधार 11 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 51.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पूर्ववर्ती तिमाही में 46.3 अरब डॉलर पर था।
भारतीय इक्विटी बाजारों की कुल ऑफशोर फंड परिसंपत्तियों में इन फंडों का आवंटन प्रतिशत पूर्ववर्ती तिमाही की तुलना में 15 प्रतिशत से घटकर सितंबर तिमाही में 14.5 प्रतिशत रह गया।
भारत केंद्रित ऑफशोर फंडों और ईटीएफ ने तिमाही के दौरान 10.6 प्रतिशत का प्रतिफल दिया, जो एमएससीआई इंडिया यूएसडी सूचकांक के 12.7 प्रतिशत प्रतिफल के मुकाबले कमजोर है। यह ऐसी अवधि थी, जब बीएसई के सेंसेक्स में 12.7 प्रतिशत की तेजी, बीएसई मिडकैप में 12.1 प्रतिशत, और बीएसई स्मॉलकैप में 11.3 प्रतिशत की तेजी आई।
स्पाई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय इक्विटी के लिए अन्य क्षेत्रीय डाइवर्सिफाइड ऑफशोर फंडों और ईटीएफ द्वारा आवंटन तिमाही के दौरान करीब बढ़कर 303 अरब डॉलर रहा, जो पूर्ववर्ती तिमाही के 278 अरब डॉलर के मुकाबले 9 प्रतिशत तक ज्यादा है।
इस श्रेणी में एशिया/एश्यिा-पैसीफिक फंड, इमर्जिंग मार्केट फंड, और भारतीय इक्विटी के लिए आंशिक आवंटन से जुड़े वैश्विक फंड शामिल हैं। भारत के लिए इन फंडों का आवंटन पिछले साल के दौरान 3.9 प्रतिशत, 3.2 प्रतिशत, और 0.1 प्रतिशत अंक बढ़ा है।
तिमाही के दौरान जिन फंडों में सर्वाधिक शुद्घ पूंजी प्रवाह आकर्षित हुआ, उनमें शामिल थे फिडेलिटी इंडिया फोकस ए-यूएसडी (16.9 करोड़ डॉलर), गोल्डमैन सैक्स इंडिया इक्विटी 1 इंक यूएसडी (16.3 करोड़ डॉलर), अशोक इंडिया अपॉच्र्युनिटीज ए यूएसडी एक्युमुलेशन (13.7 करोड़ डॉलर), यूटीआई इंडिया डायनेमिक इक्विटी यूएसडी इंस्ट. (7.4 करोड़ डॉलर), और स्टेवर्ट इन्वेस्टर्स इंडिया सबकंटिनेंट सस्टेनेबिलिटी ए जीबीपी (7.1 करोड़ डॉलर)।
18 सबसे बड़े भारत-केंद्रित ऑफशोर फंडों और ईटीएफ की परिसंपत्तियां बढ़ी हैं और सितंबर के अंत में ये 11 प्रतिशत की तेजी के साथ 22.3 अरब डॉलर पर पहुंच गईं, जबकि जून तिमाही में 20.1 अरब डॉलर थीं। भारत-केंद्रित ऑफशोर फंडों और ईटीएफ श्रेणी की परिसंपत्तियों में इन फंडों का योगदान करीब 50 प्रतिशत है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के सहायक निदेशक (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘विदेशी निवेशकों को रुझान समझने के लिए कुछ कारकों पर ध्यान देने की जरूरत होगी, जिनमें टीकाकरण और उसकी रफ्तार, भारत महामारी की संभावित तीसरी लहर के खतरे से कैसे निपटेगा आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। हालांकि आर्थिक मोर्चे पर सुधार आया है, लेकिन विदेशी निवेशकों को भारत की दीर्घावधि सफलता पर दांव लगाने से पहले आर्थिक वृद्घि के मजबूत संकेतों को ठीक से समझने की जरूरत होगी।’

First Published : November 11, 2021 | 11:31 PM IST