संवत 2077 में भरपूर नकदी उपलब्ध होने के कारण शेयर बाजार में संवत 2065 के बाद यानी पिछले 12 साल में सबसे शानदार तेजी रही। मुख्य सूचकांक निफ्टी 50 में 41 फीसदी और एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में 38 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। व्यापक बाजारों में तेजी और भी अधिक रही है। इस अवधि में एसऐंडपी बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 83 फीसदी चढ़ा है, जबकि एसऐंडपी बीएसई मिडकैप सूचकांक में 63 फीसदी उछाल आई है। आंकड़ों से पता चलता है कि संवत 2065 में मुख्य सूचकांक 104 फीसदी चढ़े थे। उस समय मिडकैप सूचकांक मेें 123 फीसदी और स्मॉलकैप में 120 फीसदी उछाल रही थी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में संस्थागत इक्विटीज के अनुसंधान प्रमुख गौतम दुग्गड़ ने कहा, ‘संवत 2077 में शेयर बाजार का ऐतिहासिक सफर रहा है। यह अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। पहली बार निफ्टी 18,500 और सेंसेक्स 62,000 के पार निकला है। लॉकडाउन और अन्य चुनौतियों के बावजूद भरपूर वैश्विक तरलता, कोविड-19 के मामलों पर अंकुश, टीकाकरण की रफ्तार में अहम बढ़ोतरी और कॉरपोरेट आमदनी में तेजी से सुधार की बदौलत बाजार में यह उछाल संभव हुई है।’
एसऐंडपी बीएसई 500 सूचकांक में आधे से ज्यादा या 298 शेयरों ने सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस सूचकांक में संवत 2077 के दौरान 48 फीसदी बढ़त रही है। टाटा समूह की छह कंपनियों- टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर कंपनी, टाटा एलेक्सी, टाटा कॉफी और टाटा केमिकल तथा अदाणी समूह की चार कंपनियों- अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी टोटाल गैस और अदाणी पावर में वर्ष के दौरान 109 फीसदी से 481 फीसदी तक की उछाल रही है। बीएसई 500 के 138 शेयर दोगुने स्तर पर पहुंच गए हैं।
क्षेत्रों में रियल्टी में सबसे ज्यादा 122 फीसदी बढ़त रही है। इसके बाद धातुओं में 110 फीसदी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 108 फीसदी उछाल रही। दूसरी तरफ फार्मा 19 फीसदी, एफएमसीजी 24 फीसदी और निजी बैंक 31 फीसदी बढ़त के साथ कमजोर प्रदर्शन वाले क्षेत्र रहे।
आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने संवत 2077 के दौरान भारतीय शेयरों में 1.36 लाख करोड़ रुपये (189 अरब डॉलर) का शुद्ध निवेश किया। दूसरी तरफ घरेलू म्युचअल फंडों, बीमा कंपनियों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, पेंशन फंडों जैसे देसी संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार पांच साल तक शुद्ध निवेश के बाद 36,682 करोड़ रुपये की निकासी की।
संवत 2078 की संभावना : बाजार की तेज उछाल से विश्लेषक सतर्क हो गए हैं और उन्हें लगता है कि भारतीय शेयर बाजार बहुत तेजी से चढ़े हैं। इस वजह से उनका अनुमान है कि ऊंचे मूल्यांकन और बाजारों के समक्ष इस समय मौजूद विभिन्न चुनौतियों को देखते हुए निकट भविष्य में गिरावट आ सकती है। वैलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ज्योतिवद्र्घन जयपुरिया ने कहा, ‘असल में गिरावट काफी समय से नहीं आई है। 10 से 15 फीसदी गिरावट आ सकती है। इस दशक में केवल दो वर्षों में ही कम से कम 10 फीसदी गिरावट नहीं आई। बाजार अपनी तेज बढ़ोतरी को स्थिर बनाएगा केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति में सख्ती लाएंगे तो वैश्विक वैश्विक कारकों से गिरावट आएगी। भारतीय बाजार के बेहतर प्रदर्शन और महंगे मूल्यांकन को मद्देनजर रखें तो दुनिया के बाकी बाजारों के साथ उसमें भी गिरावट आएगी।’ विश्लेषकों का कहना है कि संवत 2078 में शेयरों का चयन अहम होगा क्योंकि भारतीय कंपनियां ऊंची लागत के दबाव से जूझ रही हैं, जिसका उनके वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। हालांकि उनका मानना है कि लंबी अवधि के नजरिये से शेयर अब भी पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग है।
