facebookmetapixel
AI आधारित कमाई और विदेशी निवेश पर जोर, ASK ने बाजार आउटलुक में दी दिशाSEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति, ₹1000 से कम में खरीद सकते हैं निवेशकसोने-चांदी की तेजी से पैसिव फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी, AUM 17.4% पर पहुंचाSEBI की नई फीस नीति से एएमसी शेयरों में जबरदस्त तेजी, HDFC AMC का शेयर 7% तक चढ़ाक्या सच में AI से जाएंगी नौकरियां? सरकार का दावा: जितनी नौकरी जाएगी, उससे ज्यादा आएगीइच्छामृत्यु याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: 13 जनवरी को अभिभावकों से बातचीत करेगा न्यायालयमनरेगा की विदाई, ‘वीबी जी राम जी’ की एंट्री: लोकसभा में नया ग्रामीण रोजगार कानून पासप्रदूषण बढ़ने के बाद दिल्ली में बिना PSU ईंधन पर रोक, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें और सख्त जांच शुरूभारत-ओमान के बीच समुद्री सहयोग मजबूत, सुरक्षा और व्यापार को लेकर साझा विजन पर सहमतिभारत-ओमान CEPA पर हस्ताक्षर: खाड़ी में भारत की रणनीतिक पकड़ और व्यापार को नई रफ्तार

एमएससीआई, एफटीएसई से रूस की निकासी का तुरंत फायदा नहीं

Last Updated- December 11, 2022 | 8:56 PM IST

वैश्विक सूचकांक प्रदाताओं एमएससीआई व एफटीएसई ने अपने-अपने सूचकांकों से रूस को बाहर निकाल दिया है। ऐसे कदम से मोटे तौर पर भारत समेत अन्य देशों की ओर रूस से निवेश होता। लेकिन मौजूदा कदम से अन्य बाजारों को कोई निवेश हासिल नहीं होगा क्योंंकि फंड मैनेजर रूस की परिसंपत्तियां तत्काल बेचने में सक्षम नहीं हो पाएंगे क्योंकि पूंजी की चाल पर पाबंदी लगी हुई है।
भारत व अन्य उभरते बाजारों को पैसिव फंडों से ज्यादा हासिल होगा, जो एमएससीआई ईएम जैसे सूचकांकों को ट्रैक करते हैं।
आईआईएफएल को उम्मीद है कि रूस की निकासी से एमएससीआई ईएम इंडेक्स में भारत का भारांक 30 आधार अंक बढ़ेगा। एडलवाइस को भारांक में करीब 15-20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की आशा है।
एमएससीआई ने कहा है कि वह ईएम से रूस को एकल बाजार के तौर पर दोबारा वर्गीकृत करेगा, जो 9 मार्च से प्रभावी होगा। यह बाजार के प्रतिभागियोंं की प्रतिक्रिया के बाद देखने को मिल रहा है क्योंंकि रूस के बाजार तक पहुंच मुश्किल हो रही है, जिसकी वजह प्रतिभूतियों की बिक्री पर रोक, रूस का बाजार बंद होना और रूबल मेंं काफी उतारचढ़ाव है।
इस बीच, एफटीएसई ने भी अपने सभी एफटीएसई रसेल इक्विटी सूचकांकों से रूस को अलग करने की घोषणा की है। ऐसी ही घोषणा एसऐंडपी डाउ जोन्स से भी हो सकती है।
स्मार्टकर्मा के प्रकाशक ब्रायन फ्रिएट्स ने कहा, एमएससीआई व एफटीएसई से रूस को निकाले जाने के कारण अगले कुछ दिनों में किसी बाजार को शून्य निवेश हासिल होगा। चूंकि ऐक्टिव व पैसिव फंड कोई रूसी शेयर नहीं बेच सकता और न ही वह रूबल को अमेरिकी डॉलर में बदल सकता है, ऐसे में किसी अन्य देश के शेयर खरीदने के लिए उनके पास नकदी नहीं होगी।

First Published - March 3, 2022 | 11:48 PM IST

संबंधित पोस्ट