Rupee vs Dollar: डीलरों ने बताया कि एशियाई मुद्राओं में कमजोरी और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक संघर्ष बढ़ने के बीच कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के चलते रुपया 15 पैसे कमजोर हुआ। गुरुवार को रुपया 83.97 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि बुधवार को यह 83.82 पर था। डीलरों का मानना है कि घरेलू इक्विटी से बड़ी निकासी से भी भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ गया।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी में ट्रेजरी प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘एफपीआई की बिकवाली, आयातकों द्वारा खरीदारी, तेल कंपनियों की लिवाली और आरबीआई द्वारा डॉलर खरीदने से रुपया 83.43 के ऊंचे स्तर के बाद से कमजोर बना हुआ है। शुक्रवार को रुपया 83.80 से 84 के दायरे में रहने का अनुमान है, क्योंकि बाजार की नजरें जारी युद्ध और कल आने वाले एनएफपीआर आंकड़ों पर टिकी हैं, जो अमेरिका में नौकरियों की स्थिति का संकेत देंगे।’
चालू वर्ष के 5 सितंबर को रुपये ने डॉलर की तुलना में 83.99 का निचला स्तर बनाया था, हालांकि डॉलर बिक्री के जरिये विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई के हस्तक्षेप से रुपये को गिरकर मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 84 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंचने से रोकने में मदद मिली।
चालू कैलेंडर वर्ष में अब तक रुपया 0.59 प्रतिशत कमजोरी के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिर बना हुआ है। मौजूदा कैलेंडर वर्ष में डॉलर सूचकांक 0.94 प्रतिशत तक गिरा है।