BS
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल फरवरी से मई के बीच हाजिर बाजार से 16 अरब डॉलर खरीदे हैं और इस अवधि में वह अमेरिकी डॉलर का शुद्ध खरीदार बन गया। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में 7.7 अरब डॉलर खरीदे, जो दो साल में सबसे ज्यादा है। मई में इनकी खरीद 7.37 अरब डॉलर की रही।
यूक्रेन युद्ध के कारण विदेशी विनिमय बाजार में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज बढ़ोतरी के कारण 2022-23 में RBI ने रुपये को सहारा देने के लिए शुद्ध आधार पर 25.5 अरब डॉलर की बिकवाली की।
RBI का विदेशी मुद्रा भंडार साल 2022 में काफी घट गया था, जिसका कारण यूक्रेन युद्ध और फेडरल रिजर्व की तरफ से मौद्रिक सख्ती का चक्र था। उस साल अक्टूबर तक भंडार घटकर 100 अरब डॉलर रह गया था। मजबूत अमेरिकी डॉलर के चलते पुनर्मूल्यांकन ने इस गिरावट में अहम योगदान किया।
Also read: बैंक जमा जून में 6 साल में सबसे अधिक, 191.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
इस अवधि में केंद्रीय बैंक ने विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर की खरीद के जरिए हस्तक्षेप किया ताकि रुपये में हो रहे अत्यधिक उतारचढ़ाव को कम किया जा सके क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 2022 में करीब 10 फीसदी टूट गया था।
30 दिसंबर 2022 को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 562.8 अरब डॉलर था। 2023 के पहले छह महीने में यह करीब 33 अरब डॉलर बढ़ा। 12 मई को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार निकल गया।