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RBI कैलेंडर बदलाव: कम अवधि वाले बॉन्ड की यील्ड घटने की उम्मीद

ट्रेजरी बिल इश्यू में कमी से घट सकती है कम अवधि वाले बॉन्डों की यील्ड

Published by
अंजलि कुमारी   
Last Updated- May 20, 2024 | 11:33 PM IST

बाजार के हिस्सेदारों का कहना है कि मंगलवार को कम अवधि वाले सरकार के बॉन्ड का यील्ड कम हो सकता है। शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ट्रेजरी बिल के लिए संशोधित कैलेंडर जारी करने की घोणणा के कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है। चालू साल में 22 जून से 26 जून की अवधि के अद्यतन कार्यक्रम में ट्रेजरी बिल इश्यूएंस में 60,000 करोड़ रुपये की कमी किया जाना भी शामिल है।

एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘इश्युएंस की राशि घटी है। इसका मतलब यह है कि नकदी नहीं कम की जाएगी और यह अब व्यवस्था में आएगी। इसकी वजह से कम अवधि के बॉन्डों की यील्ड कम होगी।’ उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि कम अवधि के बॉन्डों के यील्ड में करीब 6 आधार अंक की गिरावट आएगी।’

शुक्रवार को 5 साल के गवर्नमेंट बॉन्ड का यील्ड 7.09 प्रतिशत पर बंद हुआ था। बाजार हिस्सेदारों का मानना है कि केंद्रीय बैंक का यह कदम यील्ड में तेज बदलाव करने के लिए है। एक अन्य सरकारी बैंक से जुड़े डीलर ने कहा, ‘अब तक यील्ड स्थिर रहा है।

रिजर्व बैंक चाहता है कि कम अवधि के बॉन्डों का यील्ड कम हो।’ उन्होंने कहा कि अब लंबी अवधि के लिए मांग देख सकते हैं। बाजार हिस्सेदारों का कहना है कि वैश्विक सूचकांक में भारतीय बॉन्डों को शामिल किए जान के पहले ट्रेडर्स इस समय दीर्घावधि बॉन्ड जमा कर रहे हैं, जिनकी 10 और 14 साल की मेच्योरिटी है।

एक अन्य सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘इस समय ध्यान 10 साल और 14 साल के दीर्घावधि बॉन्डों पर है क्योंकि बॉन्ड को सूचकांक में शामिल किए जाने के बाद पूंजी बढ़ने की संभावना है। कम अवधि के बॉन्डों की मांग नहीं है क्योंकि दर में कटौती की संभावना नहीं है।’

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल सितंबर से दर में कटौती शुरू किए जाने की संभावना है, वहीं ट्रेडर्स का कहना है कि दरें तय करने वाली समिति द्वारा मार्च 2025 से ही दर में कटौती की संभावना है। कुछ ट्रेडर्स का कहना है कि अगले वित्त वर्ष (2025-26) की दूसरी छमाही में ही दर में कटौती की संभावना है।

First Published : May 20, 2024 | 11:33 PM IST