क्वांट में निवेश घरेलू म्युचुअल फंडों (एमएफ) का आकर्षण बनता जा रहा है। आदित्य बिड़ला सनलाइफ (एबीएसएल) म्युचुअल फंड इस श्रेणी में अगले महीने अपना फंड पेश करने की तैयारी कर रहा है, जबकि एसबीआई एमएफ और मोतीलाल ओसवाल एमएफ ने इसकी मंजूरी के लिए नियामक के पास दस्तावेज जमा कराए हैं।
इस निवेश स्टाइल (क्वांट) में म्युचुअल फंड सभी थीमेटिक विकल्पों के जरिये पेशकश कर सकते हैं। हालांकि भले ही कई मौजूदा योजनाओं ने तीन साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन अभी भी भारत में इस थीम का आकर्षण बहुत ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ा है। इस श्रेणी में आठ योजनाएं हैं जो करीब 5,400 करोड़ रुपये की
परिसंपत्तियों का प्रबंधन कर रही हैं, जो सक्रिय इक्विटी योजनाओं द्वारा प्रबंधित कुल परिसंपत्तियों का महज 0.2 प्रतिशत है। क्वांट फंड एमएफ क्षेत्र में खास पेशकश हैं, क्योंकि इनमें निवेश का निर्णय ऐक्टिव और पैसिव रणनीतियों के मिश्रण पर केंद्रित होता है।
फंड्सइंडिया में वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिराल मेहता ने कहा कि क्वांट फंडों में, निवेश के निर्णय पूर्व-निर्धारित नियमों पर आधारित होते हैं। चूंकि मॉडल हर फंड में अलग-अलग होते हैं, इसलिए पोर्टफोलियो और उनके प्रदर्शन में व्यापक अंतर दिखता है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि आठ क्वांट फंडों द्वारा दिया गया एक वर्षीय प्रतिफल 23 से 74 प्रतिशत के दायरे में रहा। नई पेशकशों में भी नए दृष्टिकोण अपनाए जा रहे हैं।
आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी के को-सीआईओ एवं इक्विटी प्रमुख हरीश कृष्णन ने कहा, ‘नया फंड लार्ज और मिड-कैप क्षेत्र में शेयरों की पहचान करने की रणनीति पर ध्यान देगा ताकि शीर्ष 15 परिसंपत्ति प्रबंधकों से शीर्ष 75 शेयरों में सक्रिय प्रबंधकों में से सर्वश्रेष्ठ का उपयोग किया जा सके। ये कंपनियां जांची परखी और निवेश से जुड़ी हुई होती हैं।’
बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराए गए अपने ड्राफ्ट में एसबीआई एमएफ ने कहा है कि उसका मॉडल मूल्य, गुणवत्ता और वृद्धि जैसे बुनियादी कारकों पर केंद्रित होगा, जो किसी कंपनी के विकास परिदृश्य और मूल्यांकन की समझ प्रदान करते हैं। इसमें कहा गया है, ‘प्रमुख उप-संकेतकों में इक्विटी, बिक्री वृद्धि, नकदी प्रवाह, कर्ज-पूंजी अनुपात, आय वृद्धि, पीबी, पीई, लाभांश आदि शामिल हो सकते हैं।’
मोतीलाल ओसवाल एमएफ ने ‘हॉकी-स्टिक रिटर्न’ (एचएसआर) निवेश रणनीति अपनाने की योजना बनाई है। फंड हाउस द्वारा जारी ड्राफ्ट में कहा गया है, ‘हॉकी-स्टिक रिटर्न किसी शेयर की कीमत में तेज और निरंतर वृद्धि को दर्शाता है। इससे प्राइस चार्ट के हॉकी-स्टिक फॉर्मेशन को बढ़ावा मिलता है, जो शेयरधारकों के लिए प्रतिफल में तब्दील होता है।’