LSEG डील्स इंटेलिजेंस द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में भारत में निजी इक्विटी निवेश 6 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इस दौरान निवेश की गई राशि $1.8 बिलियन थी, जो पिछले साल की समान अवधि से 44% कम है। यह 2018 के बाद से साल की सबसे कमजोर शुरुआत है।
इसके अलावा 2024 की पहली तिमाही में भारत में निजी इक्विटी फंडरेजिंग भी 46% कम ($1.5 बिलियन) रही। हालांकि, यह 2023 की चौथी तिमाही की तुलना में तीन गुना अधिक थी।
2024 की पहली तिमाही में भारत में निजी इक्विटी निवेश में 43.6% की भारी गिरावट आई है। इस दौरान निवेश की गई राशि $1,778 मिलियन थी, जो कि 2023 की चौथी तिमाही ($2,370 मिलियन) से 25% कम है। हालांकि, कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं।
2024 की पहली तिमाही में भारत में निवेश करने वाली कंपनियों की कुल संख्या 10.6% बढ़कर 366 हो गई जो बीती तिमाही की 331 से ज्यादा है। हालांकि, यह 2023 की पहली तिमाही में 373 कंपनियों की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन यह दर्शाता है कि निवेशकों का भारत में रुचि अभी भी बनी हुई है।
PE निवेशक अपना पैसा कहां लगा रहे हैं?
2024 की पहली तिमाही में, इंटरनेट और वित्तीय सेवा कंपनियों ने निजी इक्विटी (पीई) निवेशकों का सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया। इन कंपनियों ने क्रमशः $560 मिलियन और $291 मिलियन का निवेश प्राप्त किया, जो कुल उद्योग निवेश का लगभग 48% हिस्सा है। बात करें इंडस्ट्री के हिसाब से निवेश की तो 2024 की पहली तिमाही में, इंटरनेट से जुड़े सेक्टर में निवेश में 57.2% की गिरावट आई है। 2023 की पहली तिमाही में 117 सौदे हुए थे, जो 2024 में घटकर 87 रह गए।
इसके अलावा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (-70.5% yoy) और ट्रांसपोर्टेशन (-53.4% yoy) जैसे क्षेत्रों में निवेश में गिरावट देखी गई है। हालांकि, उपभोक्ता से संबंधित उद्योगों (222.1%), और बिजनेस सर्विस (743.8.%) में निवेशित इक्विटी की राशि में वृद्धि देखी गई है।
भारत में धन उगाहने (Fundraising) में 2024 की पहली तिमाही में 45% की शानदार वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि 2023 की पहली तिमाही में 465.0 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2024 की पहली तिमाही में 1,481.04 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गई है।
भारत में टॉप 10 PE डील्स