ऐक्सिस म्युचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख देवांग शाह ने अभिषेक कुमार को साक्षात्कार में बताया कि कम मुद्रास्फीति, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और सरकारी बॉन्डों के लिए अनुकूल मांग-आपूर्ति जैसे सकारात्मक परिवेश को देखते हुए दिसंबर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। शाह का कहना है कि अगर जिंस कीमतें तेजी से बढ़ती हैं तो हालात बदल सकते हैं। मुख्य अंश:
आरबीआई की ताजा नीतिगत घोषणाओं पर आप क्या कहते हैं?
आरबीआई के नजरिये में बदलाव मुद्रास्फीति पर अनुकूल परिदृश्य की वजह से हुआ होगा। हालांकि आरबीआई गवर्नर ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आगाह किया है। लेकिन हमारा मानना है कि शेष वर्ष के लिए सीपीआई का अनुमान 4.5 प्रतिशत के करीब बना रहेगा।
पिछले 12 महीनों में कोर सीपीआई 4 प्रतिशत से नीचे रही है और अगर हम अस्थिरता वाले उत्पादों को हटा दें, खासकर खाद्य और ईंधन तो सीपीआई की राह मार्च 2025 तक सहज दिख रही है। अच्छे मॉनसून से अगले महीने से खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी को बढ़ावा मिल सकता है जिससे अंतिम तिमाही में मुख्य सीपीआई गिरकर फिर से 4.5 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।
डेट बाजार परिदृश्य को आप किस तरह देखते हैं। क्या दर कटौती की संभावना है?
दरों के लिए वृहद परिदृश्य कम सीपीआई (आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के पास), मजबूत बाह्य क्षेत्र (700 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार) और आसान वैश्विक मौद्रिक नीतिगत चक्र तथा सरकारी बॉन्डों के लिए अनुकूल मांग आपूर्ति हालात के लिहाज से सकारात्मक है।
अवधि के दृष्टिकोण से आपके पोर्टफोलियो की स्थिति क्या हैं?
हम जनवरी 2024 से ही लंबी अवधि के लिए ब्याज दर का दृष्टिकोण अपनाए हुए हैं। हम अपना दृष्टिकोण बरकरार रखना जारी रखते हैं और मार्च 2025 तक दरों में 50 आधार अंक कटौती की उम्मीद करते हैं।
तीन उच्च गुणवत्ता वाले बॉन्ड सेगमेंटों – सॉवरिन, एसडीएल और एएए पर आपका क्या नजरिया है?
हम सॉवरिन बॉन्डों पर सकारात्मक हैं क्योंकि मांग आपूर्ति परिदृश्य राजकोषीय समेकन, बढ़ती विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भागीदारी की वजह से अनुकूल है। हमारा मानना है कि चौथी तिमाही में दमदार आपूति की वजह से स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल) अंतर थोड़ा बढ़ जाएगा।
क्या एफटीएसई रसेल इंडेक्स में शामिल किए जाने से सॉवरिन बॉन्ड का आकर्षण बढ़ा है?
एफटीएसई रसेल इंडेक्स में भारतीय सरकारी बॉन्ड को शामिल किया जाना निश्चित रूप से सकारात्मक है। इससे सितंबर 2025 से करीब 4-5 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा मिल सकता है। भारतीय वृहद परिदृश्य काफी अनुकूल है और ऊंचा रिटर्न मिल रहा है।
यील्ड का कौन सा हिस्सा अभी सबसे आकर्षक है?
हमें मार्च 2025 तक 50 आधार दर की कटौती की उम्मीद है। हमारा यह भी मानना है कि दर कटौती चक्र छोटा होगा और इसलिए फिलहाल 5 साल और उससे अधिक अवधि वाले सॉवरिन बॉन्डों को प्राथमिकता दी जा रही है।