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बंदरगाह विकास योजना को मिली रही अच्छी प्रतिक्रिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:00 AM IST

सरकारी बंदरगाहों द्वारा संचालित सात मालवाहक जहाजों को विकसित करने के लिए सरकार की 2,500 करोड़ रुपये की योजना को लेकर उद्योग ने उत्साह जताया है। वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्ट (वीओसी) और परादीप पोर्ट को अदाणी पोटï्र्स ऐंड स्पेशल इकोनोमिक जोन (एपीएसईजेड), दुबई सरकार के स्वामित्व वाली डीपी वल्र्ड एस्सार, जे एम बक्सी गु्रप और एपीएम टर्मिनल्स मैनेजमेंट बीवी जैसी विभिन्न कंपनियों से निविदाओं के लिए आवेदन मिले हैं। तमिलनाडु में वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्ट (पूर्व में तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्ट के नाम से चर्चित) से संबंधित घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने कहा, ‘बर्थ नंबर 9 के लिए, हम करीब 400 करोड़ रुपये के निवेश से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में बल्क कारगो टर्मिनल की योजना बना रहे हैं। ईओआई के चरण में, हमें करीब आधा दर्जन कंपनियों से दिलचस्पी हासिल हुई है। अदाणी, डीपी वल्र्ड, एस्सार और बक्सी गु्रप जैसी प्रमुख कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है।’
 
अन्य अधिकारी ने कहा कि एस्सार समेत कई निजी कंपनियां पारादीप पोर्ट ट्रस्ट पर करीब 75 करोड़ रुपये की लागत से साउथ क्यू बर्थ (एसक्यूबी) को विकसित करने की दौड़ में हैं। वहीं वीओसी भी नॉर्थ कारगो बर्थ-3 को विकसित करने की योजना बना रहा है, जिसमें पीपीपी मॉडल के आधार पर करीब 420 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है। यह आम बजट में वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश प्रस्ताव का हिस्सा था। वित्त मंत्री ने संकेत दिया था कि 2,000 करोड़ रुपये की सात परियोजनाएं बंदरगाहों के नए मॉडल के तहत निजी कंपनियों को सौंपी जाएंगी। फरवरी 2021 में संसद द्वारा पारित नए कानून के तहत, बंदरगाहों को प्रशासन के प्राधिकरण मॉडल के दायरे में लाए जा रहे हैं। एस्सार के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टिï की कि कंपनी ने चिदंबरनार और पारादीप परियोजनाओं में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। सात परियोजनाओं में सबसे बड़ी जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) पर है, जिसके तहत करीब 860 करोड़ रुपये के निवेश से उसके कंटेनर टर्मिनल का निजीकरण किए जाने की योजना है। 

First Published : August 10, 2021 | 7:28 AM IST