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एनसीडीईएक्स में 3 कृषि जिंसों में विकल्प अनुबंध आज से

Last Updated- December 15, 2022 | 4:21 AM IST

वायदा पर विकल्प अनुबंधों को निलंबित करने के बाद नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने सोमवार से वस्तुओं में विकल्प सौदे शुरू करने का निर्णय लिया है।  
इससे पहले के विकल्प वायदा में हस्तांतरित हो रहे थे। अब सेबी ने विकल्पों में प्रत्यक्ष निपटान की अनुमति दी है और वह प्रदेय (डिलिवरेबल) होगा।  
सफेद सरसों/सरसों के बीज, मक्का और गेहूं तीन जिंसों में शुरू होकर इन अनुबंधों से किसानों और एग्रीगेटर, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) व किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) सहित मूल्य शृंखला में अन्?य भागीदारों, दोनों को फायदा होगा। इन्हें वास्तविक बुआई सीजन के शुरू होने से पहले कृषि जिंसों में कीमत जोखिम को रोकने में मदद मिलेगी। इसके जरिये किसानों के अन्य भागीदार वस्तुओं में विकल्प, अनुबंधों में छोटे से प्रीमियम का भुगतान कर अपनी कीमतों को तय कर सकते हैं और किसी भी तरफ से कीमतों में अंतर का लाभ उठा सकते हैं।  
वस्तुओं में विकल्प के जरिये, अनुबंधित किसान और एग्रीगेटर अपने उत्पाद की कीमत तय कर सीजन से काफी पहले ही किसी फसल की बुआई को लेकर निर्णय करने में सक्षम होंगे। लिहाजा, वस्तुओं में विकल्प, अनुबंधित किसानों और एग्रीगेटर दोनों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, प्रसंस्करण मिल और मूल्य शृंखला में शामिल दूसरे साझेदार भी कमजोर और मजबूत आपूर्ति सीजन दोनों ही स्थितियों का आकलन कर अपने कच्चे माल की कीमतों का निर्धारण कर सकते हैं।   
यह कदम भारत में कृषि ट्रेड की स्थिति की कायापलट करने वाली है। अनुबंध की समाप्ति पर कृषि जिंसों के दामों में वृद्धि होने पर किसान अधिक धन कमाने के लिए हाजिर बाजार में अपना उत्पादन बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। दूसरी ओर, वस्तुओं में विकल्प में ट्रेड वाली वस्तुओं की कीमत, अनुबंध ट्रेड मूल्य से नीचे आती है तो साझेदारों को भुगतान किया गया प्रीमियम छोडऩा होगा।
एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विजय कुमार ने कहा कि किसी भी जिंस पर प्रीमियम का निर्धारण बाजार की ताकतों मसलन मांग और आपूर्ति पर निर्भर होता है।  
एनसीडीईएक्स ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से वस्तुओं में विकल्प ग्वारगम, ग्वारसीड और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर लिक्विड वाले कई दूसरे जिंसों को शुरू करने के लिए भी मंजूरी मांगी है।
वायदा पर विकल्प और वस्तुओं में विकल्प अनुबंधों के बीच तुलना करने को लेकर प्रोडक्ट्स ऐंड बिजनेस डेवलपमेंट के प्रमुख कपिल देव ने कहा कि एक ओर जहां दोनों तरह के अनुबंधों का निपटारा वायदा कीमतों पर आधारित होगा, वहीं किसानों को वस्तुओं में विकल्प में बुनियादी जिंसों के दाम चढऩे पर अपना उत्पाद हाजिर में बेचने की अनुमति है।

ई-खरीद प्रणाली के एकीकरण की तैयारी
भारतीय रेल की ई-खरीद प्रणाली और वाणिज्य मंत्रालय के खरीद पोर्टल ‘गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस’ (जीईएम) मिलकर दोनो मंचों के एकीकरण पर काम कर रहे हैं। इस कदम से जीईएम का दायरा बढ़ेगा और खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में भी बढ़ोतरी होगी। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया इस समय भारत सरकार के खरीद पोर्टल ‘जीईएम’ और भारतीय रेलवे की इलेक्ट्रॉनिक खरीद प्रणाली और एकीकृत सामग्री प्रबंधन प्रणाली के एकीकरणकी संभावनाओं और व्यवहार्यताओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। भाषा

First Published - July 26, 2020 | 11:20 PM IST

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