टेक्निकल एनालिस्टों का मानना है कि निफ्टी किसी भी दिशा में ब्रेकआउट करने से पहले 3150-3250 के बीच के स्तर पर कंसॉलिडेट हो सकता है।
मंगलवार के ऑप्शन के आंकडों को देखने से संकेत मिलते हैं कि निफ्टी को 3300 के स्तर के करीब सपोर्ट मिल रहा है जबकि 3400 के स्तर के करीब रेसिस्टेंस दिख रहा है। 3500 और 3600 के भावों पर ओपन इंटरेस्ट देखने से संकेत मिलता है कि मौजूदा सेटलमेंट में निफ्टी का 3600 के टेक्निकल टारगेट पर पहुंचना मुश्किल और अव्यवहारिक है।
ऐम्बिट कैपिटल के टेक्निकल एनालिस्ट आशीष श्राफ के मुताबिक बाजार के उतार चढ़ाव को देखते हुए दिन पर दिन बाजार का रुख भांपना मुश्किल होता जा रहा है। बाजार के मूमेन्टम इंडिकेटर्स से साफ है कि बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली हो चुकी है और सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में निकट भविष्य में बाउंस आ सकता है।
लेकिन दूसरी ओर बाजार में सेंटिमेंट अब भी नेगेटिव ही है जिससे लगता है कि जो भी बाउंस आएगा वह बिकवाली के दबाव में आ जाएगा।मंगलवार को दोनों ही सूचकांक 4-4 फीसदी से ज्यादा चढ़कर बंद हुए हैं।
ये उछाल रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक के शेयरों में शार्ट कवरिंग के कारण रहा। बड़ी कंपनियों के शेयरों ने सोमवार की तेजी को कंसॉलिडेट किया, इसमें टीसी एस (14 फीसदी), सत्यम (9 फीसदी), और विप्रो (5 फीसदी) शार्ट कवरिंग से चढ़े जबकि इंफोसिस लांग पोजीशन बनने से चार फीसदी मजबूत हो गया।
निफ्टी के नवंबर वायदा में 26.4 लाख शेयरों का रोलओवर देखा गया। वायदा कारोबारी अपनी लांग पोजीशन शिफ्ट करने की जल्दी में दिख रहे थे क्योकि उनको लगता है कि रिजर्व बैंक 24 अक्टूबर को अपनी मिडटर्म मौद्रिक नीति की समीक्षा में बाजार को रास आने वाले कदम उठाएगा।
कई मिडकैप बैंक और रियालिटी के वायदा सौदों में अक्टूबर वायदा में शार्ट कवरिंग देखी गई क्योकि कारोबारियों का मानना है कि रिजर्व बैंक की नीति के बाद शेयरों के भावों में तेजी आ सकती है। हालांकि कारोबारी अपनी पोजीशन नवंबर वायदा में रोलओवर करने से कतरा रहे हैं क्योकि मौजूदा वोलाटैलिटी 70 फीसदी की है।