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एसजीएक्स में निफ्टी का कारोबार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 6:45 PM IST

सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज(एसजीएक्स) में सीएनएक्स निफ्टी फ्यूचर्स का कारोबार 2008 में 762 फीसदी बढ़ गया है जबकि दूसरे एशियाई सूचकांकों के वॉल्यूम में केवल 16 से 24 फीसदी की तेजी रही।


एसजीएक्स के आंकडो के मुताबिक एसजीएक्स के कुल 620 लाख करारों में से निफ्टी वायदा की हिस्सेदारी 20 फीसदी की रही है। औसतन निफ्टी वायदा के 124.3 लाख सौदे पिछले साल किए गए जबकि 2007 में केवल 14.4 लाख सौदों का ही कारोबार हुआ था।

निफ्टी भारतीय अर्थव्यवस्था के 23 सेक्टर कवर करता है और यह एनएसई का 60 फीसदी मार्केट कैपिटलाइजेशन भी कवर करता है। एसजीएक्स में निफ्टी वायदा के अलावा दूसरे एशियाई सूचकांकों की भी ट्रेडिंग होती है इनमें एमएससीआई ताइवान इंडेक्स, निक्केई 225 इंडेक्स और एमएससीआई सिंगापुर शामिल है।

बाजार के जानकारों के मुताबिक बेलगाम निवेश रोकने के लिए भारत में सितंबर 2007 में पी नोट्स पर पाबंदी लगाए जाने के बाद घरेलू बाजार का काफी कुछ कारोबार सिंगापुर को शिफ्ट हो गया है।

हालांकि यह पाबंदी अक्टूबर 2008 में बाजार में आई भारी गिरावट आने और विदेशी निवेश काफी कम हो जाने के बाद हटाई जा चुकी है।

2008 में सिंगापुर में निफ्टी वायदा में शार्ट सेलिंग तेज थी। एसजीएक्स में निफ्टी वायदा का कारोबार काफी बढ़ जाने के बाद अब एनएसई कारोबार के समय में बदलाव की बात कर रहा है ताकि उसे सिंगापुर के बाजार के अनुरूप किया जा सके ।

हालांकि घरेलू कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं, उनका मानना है कि ऐसा हुआ तो उनके कारोबार की अवधि काफी लंबी हो जाएगी।

सिंगापुर के एक विदेशी फंड मैनेजर के मुताबिक सिंगापुर में डिस्क्लोजर के मानक काफी सरल होने की वजह से कारोबारी वहां कारोबार करना ज्यादा पसंद करते हैं वहां का वॉल्यूम यहां आने की संभावना कम ही है।

इसके अलावा घरेलू बाजार के बड़े पंटर भी अपना पैसा यहां नहीं लाना चाहते क्योंकि  सिंगापुर में ही उन्हें अच्छा रिटर्न मिल रहा है।

बाजार के लोगों के मुताबिक एसजीएक्स सभी एशियाई बाजारों के लिए एक सिंगल प्वाइंट ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है क्योकि ज्यादातर एशियाई इंडेक्स यहां सूचीबध्द हैं।

First Published : January 7, 2009 | 8:56 PM IST