Sebi is investigating Quant Mutual Fund: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने संदीप टंडन की कंपनी क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) के कार्यालयों की तलाशी ली है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों मे बताया कि कंपनी में निवेश-संबंधी गतिविधियों में कथित रूप से अनियमितताएं (irregularities) पाईं गई हैं, जिसकी जांच अब मार्केट रेगुलेटर कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, SEBI अधिकारियों ने पिछले सप्ताह फंड हाउस के कार्यालय में तलाशी ली, जिसके पास लगभग 80,000 करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (AUM) है।
सूत्रों ने बताया कि मार्केट रेगुलेटर की यह कार्रवाई रेगुलर जांच के दौरान पाई गई खामियों के बाद की गई है। ऑडिट फर्मों ने भी अपनी जांच में चिंताएं उठाईं, और उसकी जानकारी SEBI को सौंपी।
SEBI को भेजे गए प्रश्नों का कोई उत्तर खबर लिखे जाने तक नहीं मिला है। रविवार देर रात निवेशकों को एक संदेश में, क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant MF) ने कहा कि SEBI की तरफ से पूछताछ की गई है।
कंपनी की तरफ से बताया गया, ‘हाल ही में, SEBI ने क्वांट म्यूचुअल फंड से पूछताछ की है, और हम इस मामले में सभी को जानकारी देना चाहते हैं। हम आपको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि क्वांट म्यूचुअल फंड एक रगुलेटेड यूनिट है, और हम किसी भी रिव्यू के दौरान रेगुलेटर का पूरी तरह से सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम जांच के लिए जरूरी मदद करेंगे और SEBI को नियमित और जरूरत के मुताबिक डेटा प्रदान करते रहेंगे।’
हाल के वर्षों में रिटेल इनफ्लो की वजह से क्वांट म्यूचुअल फंड में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है। इसका AUM मार्च 2020 में 233 करोड़ से बढ़कर मौजूदा समय में 80,470 करोड़ हो गया है। यह म्यूचुअल फंड अपने एनालिटिक्स के आधार पर इन्वेस्टमेंट स्टाइल के लिए जाना जाता है।
घटनाक्रम की डायरेक्ट जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कुछ और फंड हाउस भी कथित खामियों के लिए SEBI की जांच के दायरे में आ सकते हैं।
ऐसी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए, सेबी ने हाल ही में अप्रैल बोर्ड की बैठक के बाद संभावित बाजार दुरुपयोग को रोकने के लिए इस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म का ऐलान किया था।
इसके जवाब में, भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (AMFI) एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के लिए फ्रंट-रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी गलतियों को रोकने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार कर रहा है।
SEBI ने AMCs को कदाचार और संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग (misconduct and misuse of sensitive information) की पहचान के लिए निगरानी और इंटर्नल कंट्रोल बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस फ्रेमवर्क के तहत, रेगुलेटर ऐसे मामलों में AMC मैनेजमेंट कंपनियों पर अधिक जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करेंगे। AMCs को भी पारदर्शिता लाने के लिए एक व्हिसल-ब्लोअर मैकेनिज्म रखना होगा।
इससे पहले, SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों को म्यूचुअल फंड यूनिट्स के लिए भी लागू कर दिया था ताकि म्यूचुअल फंड कर्मचारियों और प्रमुख कर्मचारियों द्वारा अनपब्लिशअड प्राइस-सेंसिटिव जानकारी के साथ डीलिंग को रोका जा सके।