म्युचुअल फंड

म्युचुअल फंडों की परिसंपत्तियां अब बैंक जमाओं की एक तिहाई

मई 2025 तक म्युचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 72.2 लाख करोड़ रुपये थीं जो कुल बैंक जमाओं (232 लाख करोड़ रुपये) की लगभग एक तिहाई थीं।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- June 22, 2025 | 10:27 PM IST

कुल बैंक जमाओं के प्रतिशत के तौर पर म्युचुअल फंडों की परिसंपत्तियां पिछले आठ वर्षों में करीब दोगुनी हो गई हैं। इससे इक्विटी और अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों को लेकर निवेशकों की बढ़ती इच्छा का पता चलता है।

मई 2025 तक म्युचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 72.2 लाख करोड़ रुपये थीं जो कुल बैंक जमाओं (232 लाख करोड़ रुपये) की लगभग एक तिहाई थीं। यह मार्च 2017 से एक महत्त्वपूर्ण उछाल है, जब फंडों की एयूएम बैंक जमा की सिर्फ 16 फीसदी थीं।

2020 में महामारी के दौरान एक संक्षिप्त गिरावट को छोड़ दें तो यह आंकड़ा लगातार बढ़ा है।  कोविड के बाद की अवधि में म्युचुअल फंडों में विशेष रूप से मजबूत रफ्तार देखी गई जिसका मुख्य कारण इक्विटी बाजार की जोरदार तेजी है। इस तेजी से दो मोर्चों पर वृद्धि हुई : मौजूदा पोर्टफोलियो पर मार्क-टु-मार्केट लाभ और नए निवेशकों का जुड़ना। मार्च 2020 के बाद से फंडों की एयूएम तीन गुना से ज्यादा हो गई है जबकि इस दौरान बैंक जमाओं में महज 71 फीसदी का इजाफा हुआ है।

उद्योग के विशेषज्ञ इस उछाल का श्रेय व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) की बढ़ती लोकप्रियता को देते हैं, जिसके तहत निवेशकों ने बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद फंडों में लगातार निवेश किया है। इसके अलावा, स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच में तेजी से वृद्धि के साथ-साथ उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल निवेश प्लेटफॉर्मों ने भी म्युचुअल फंडों का आकर्षण और बढ़ाया है। इस वृद्धि के बावजूद म्युचुअल फंड निवेशकों का आधार कम बना हुआ है। मार्च 2025 तक देश में केवल 5.42 करोड़ यूनिक म्युचुअल फंड निवेशक थे।

 

First Published : June 22, 2025 | 10:27 PM IST