Mutual Fund Portfolio: मार्च 2025 में म्युचुअल फंड्स ने सेकेंडरी मार्केट में ₹11,400 करोड़ की खरीदारी की, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹200 करोड़ की मामूली भागीदारी दिखाई। ब्रोकरेज हाउस नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मॉल और मिडकैप स्कीमों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही, जबकि सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में इनफ्लो बेहद कमजोर रहा। ट्रंप टैरिफ और शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव का असर म्युचुअल फंड निवेश पर भी दिखा। मार्च में इक्विटी म्युचुअल फंड में इनफ्लो 14% गिरकर ₹25,082 करोड़ रह गया।
लार्ज कैप: इस कैटेगरी में म्युचुअल फंड्स द्वारा पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONGC और TCS में भारी खरीदारी की गई। वहीं, सबसे ज्यादा बिकवाली NTPC, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और एक्सिस बैंक में देखी गई।
मिड कैप: म्युचुअल फंड्स ने मैक्स फाइनेंशियल, इंडियन होटल्स कंपनी, IDFC फर्स्ट बैंक, CG पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन, संवर्द्धन मदरसन में निवेश बढ़ाया। जबकि मुथूट फाइनेंस, गोदरेज प्रॉपर्टीज, फोर्टिस हेल्थकेयर, वोल्टास और ग्लेनमार्क फार्मा में बिकवाली हुई।
स्मॉल कैप: हिटाची एनर्जी, TBO टेक लिमिटेड, जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स, एस्टर डीएम हेल्थकेयर लिमिटेड और क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में महत्वपूर्ण खरीदारी देखी गई। वहीं, सबसे ज्यादा बिकवाली AAVAS फाइनेंशियर्स, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड, बीएसई, गोदरेज इंडस्ट्रीज और कैम्स सर्विसेज में हुई।
स्त्रोत: नुवामा
नए स्टॉक्स के रूप में रिलायंस पावर और रतनइंडिया पावर को शामिल किया गया, जबकि हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन, पूर्वांकरा लिमिटेड, बामर लॉरी, रामकी इंफ्रा और वेंकीज़ (इंडिया) से पूरी तरह बाहर निकल गए है।
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स्मॉल और मिडकैप स्कीम्स में निवेशकों की मजबूत दिलचस्पी मार्च 2025 में भी बनी रही। कुल इक्विटी इनफ्लो (NFO को छोड़कर) में इन स्कीम्स का योगदान 31% रहा। मिडकैप स्कीम्स में ₹34,000 करोड़ का स्थिर निवेश दर्ज हुआ, जो फरवरी के समान रहा, जबकि स्मॉलकैप स्कीम्स में निवेश बढ़कर ₹41,000 करोड़ हो गया, जो फरवरी के ₹37,000 करोड़ से ज्यादा है।
बाजार की कमजोर धारणा के बावजूद, HNI और रिटेल निवेशकों ने इस अस्थिरता और गिरावट को खरीदारी का मौका माना। यह दिखाता है कि स्मॉल और मिडकैप स्कीम्स के प्रति उनका भरोसा अब भी बरकरार है और वे दीर्घकालिक अवसरों को भुनाने के लिए तैयार हैं।
मार्च का महीना सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। AMFI डेटा के मुताबिक, इस कैटेगरी में मार्च में केवल ₹170 करोड़ का इनफ्लो आया। जबकि पिछले महीने फरवरी में सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में ₹5,711 करोड़ का भारी-भरकम निवेश आया था। यानी मासिक आधार पर निवेशकों ने करीब 97% पैसा सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स से बाहर निकाला।
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नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मार्च में बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश लगभग स्थिर बना रहा और ₹26,000 करोड़ का मजबूत योगदान दर्ज किया गया। यह मार्च 2022 की तुलना में 81% और मार्च 2023 के मुकाबले 35% की बढ़त को दर्शाता है, जो निवेशकों के लगातार बढ़ते भरोसे का संकेत है।
SIP अब निवेशकों के लिए एक आदत बनती जा रही है, जो उन्हें इक्विटी बाजार में भागीदारी के लिए एक अनुशासित और भरोसेमंद तरीका देती है। यह रुझान आने वाले वर्षों में और मजबूत होने की उम्मीद है, जो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट के लंबे समय तक टिकाऊ ग्रोथ पोटेंशियल को रेखांकित करता है।