प्रतीकात्मक तस्वीर
मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों ने उल्लेखनीय मजबूती का प्रदर्शन किया है और बाजार में हाल के उतार-चढ़ाव के बावजूद खासा निवेश आकर्षित करना जारी रखा है। इन फंडों ने वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में 53,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए जबकि व्यापक बाजार में भारी गिरावट आई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि निरंतर दिलचस्पी ने मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट को काफी सहारा दिया है। इस रुझान के तब तक पलटने की संभावना नहीं है जब तक कि दीर्घकालिक रिटर्न निराश न करें।
मार्सेलस में क्वांटिटेटिव रिसर्च टीम के प्रमुख कृष्णन वी.आर. ने कहा, फरवरी के अंत तक हमने जो गिरावट देखी, उसके बावजूद स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में एसआईपी निवेश फरवरी और मार्च में ज्यादा कम नहीं हुआ। यह उम्मीदों के विपरीत है। म्युचुअल फंडों में निरंतर निवेश और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी ने पिछले महीने आई राहत भरी तेजी में योगदान दिया है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार पिछले 2-3 वर्षों के मजबूत प्रदर्शन के कारण स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों के प्रति रुझान तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक कि लंबे समय तक गिरावट न हो। उन्होंने कहा, बाजारों के साथ-साथ मिड व स्मॉलकैप सेगमेंट ज्यादा तीव्र, लगातार और दीर्घकालिक गिरावट से प्रवृत्ति उलट सकती है।
वित्त वर्ष 2025 में निवेशकों ने मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों में 83,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। साल की दूसरी छमाही में निवेश की मात्रा 53,000 करोड़ रुपये से अधिक थी जबकि बाजार में भारी गिरावट आई थी। इसकी तुलना में पूरे वित्त वर्ष 2024 में मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों ने 62,415 करोड़ रुपये जुटाए थे। “
निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांकों में वित्त वर्ष 2025 के आखिरी छह महीने में क्रमश: 16 फीसदी व 14 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। पिछले छह महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप योजनाओं से 38 फीसदी नए खाते जुड़े हैं। इन योजनाओं ने नए खाते जोड़ने में भी अपनी बढ़त बनाए रखी है। सक्रिय इक्विटी फंड क्षेत्र में 1.66 करोड़ नए खाते जोड़े गए हैं, जबकि इन श्रेणियों ने 63 लाख खाते जोड़े हैं।
हाल के महीनों में स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में लार्जकैप के मुकाबले ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। लेकिन फंड का रिटर्न तुलनात्मक रूप से ज्यादा रहा है। मार्च के अंत में सक्रिय मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों का एक साल का औसत रिटर्न क्रमशः 10 फीसदी और 7.7 फीसदी रहा। इसकी तुलना में लार्जकैप फंडों ने 6.7 फीसदी का रिटर्न दिया है। लंबी अवधि में यह अंतर काफी ज्यादा है।
एप्सिलन मनी के सहायक उपाध्यक्ष (इन्वेस्टमेंट) सिद्धार्थ आलोक ने कहा, पिछले दो वर्षों में छोटे और मिडकैप फंडों में निवेशकों की निरंतर दिलचस्पी का श्रेय मार्च 2020 में कोविड के बाद अधिकांश निवेशकों को मिले उदार रिटर्न को दिया जा सकता है।
कृष्णन ने कहा, गिरावट के बाद हालांकि अल्पावधि का प्रदर्शन कमजोर हुआ है, लेकिन लंबी अवधि का प्रदर्शन अभी भी आकर्षक है। इक्विटी में निवेश को लेकर बढ़ती जागरूकता और कर पश्चात बेहतर रिटर्न से भी निवेशक अपने एसआईपी के साथ बने हुए हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि उतारचढ़ाव भले ही कम हुआ है लेकिन मूल्यांकन अभी भी अपेक्षाकृत ज्यादा है और नकदी की चिंता बनी हुई है।