facebookmetapixel
AI आधारित कमाई और विदेशी निवेश पर जोर, ASK ने बाजार आउटलुक में दी दिशाSEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति, ₹1000 से कम में खरीद सकते हैं निवेशकसोने-चांदी की तेजी से पैसिव फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी, AUM 17.4% पर पहुंचाSEBI की नई फीस नीति से एएमसी शेयरों में जबरदस्त तेजी, HDFC AMC का शेयर 7% तक चढ़ाक्या सच में AI से जाएंगी नौकरियां? सरकार का दावा: जितनी नौकरी जाएगी, उससे ज्यादा आएगीइच्छामृत्यु याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: 13 जनवरी को अभिभावकों से बातचीत करेगा न्यायालयमनरेगा की विदाई, ‘वीबी जी राम जी’ की एंट्री: लोकसभा में नया ग्रामीण रोजगार कानून पासप्रदूषण बढ़ने के बाद दिल्ली में बिना PSU ईंधन पर रोक, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें और सख्त जांच शुरूभारत-ओमान के बीच समुद्री सहयोग मजबूत, सुरक्षा और व्यापार को लेकर साझा विजन पर सहमतिभारत-ओमान CEPA पर हस्ताक्षर: खाड़ी में भारत की रणनीतिक पकड़ और व्यापार को नई रफ्तार

MF: 4 करोड़ लोगों ने लगाया म्युचुअल फंड में पैसा, SIP के जरिये हो रहा जमकर निवेश

सितंबर में Mutual Fund इंडस्ट्री ने पहली बार SIP के जरिये 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। ग्रॉस SIP इनफ्लो में लगातार बढ़ोतरी के बीच इंडस्ट्री ने यह उपलब्धि हासिल की।

Last Updated- October 11, 2023 | 3:36 PM IST
MF investor count crosses 40 million, SIP flows scale a new high

भारत में यूनिक म्युचुअल फंड इन्वेस्टर्स की संख्या सितंबर महीने में 4 करोड़ यानी 40 मिलियन के मार्क को क्रॉस कर गई है। पिछले 21 महीनों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में करीब 1 करोड़ नए लोगों ने एंट्री की और इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया। म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या इस साल कुल इनकम टैक्स फाइलिंग की लगभग 57 प्रतिशत है और देश में कुल जितने पैन कार्ड होल्डर्स हैं उनमें से 6.5 प्रतिशत लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं।

बता दें कि यूनिक निवेशक संख्या MF इंडस्ट्री के साथ पंजीकृत कुल PAN है।

SIP के जरिये बढ़ रहे निवेश

ग्रॉस SIP इनफ्लो में लगातार बढ़ोतरी के बीच इंडस्ट्री ने यह उपलब्धि हासिल की। सितंबर में इंडस्ट्री ने पहली बार SIP के जरिये 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं।

एक्टिव इक्विटी योजनाओं में नेट इनफ्लो, जो रिटेल निवेशकों से बड़ी मात्रा में निवेश प्राप्त करता है, महीने-दर-महीने 30 प्रतिशत गिरकर 14,090 करोड़ रुपये हो गया। नेट इनफ्लो में गिरावट का कारण आंशिक रूप से स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में मुनाफावसूली को माना जा सकता है। सितंबर में दोनों फंड कैटेगरीज से रिडेम्प्सन 42 प्रतिशत महीने-दर-महीने (MoM) बढ़कर 7,430 करोड़ रुपये हो गया।

लेटेस्ट खबरों की अपडेट नहीं मिल रही? हमारी टॉप स्टोरी सीधे अपने WhatsApp पर पाएं। अभी जुड़ें।

कैसा रहा मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों का हाल?

Morningstar Investment Adviser India के एनॉलिस्ट और मैनेजर रिसर्च मेल्विन सैंटारिटा ने कहा कि ‘एक कैटेगरी के रूप में स्मॉल कैप और मिडकैप दोनों में नेट इनफ्लो की मात्रा में पिछले महीनों की तुलना में गिरावट देखी गई। सितंबर में वे तब भी नेट इनफ्लो के उच्चतम रिसीपिएंट में से थे। इस दौरान मिडकैप कैटेगरी को 2000.8 करोड़ रुपये और स्मॉल कैप कैटेगरी को 2,678.4 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इन कैटेगरीज के नेट इनफ्लो में गिरावट का कारण निवेशकों द्वारा कुछ हद तक मुनाफावसूली करना और इनमें से कुछ सेगमेंटों में बढ़े हुए वैल्युएशन के बारे में चिंताएं हो सकती हैं।’

सितंबर में इनफ्लो वित्त वर्ष 2024 में देखे गए एवरेज इनफ्लो से ज्यादा था। इंडस्ट्री के अधिकारियों का मानना ​​है कि रिकॉर्ड हाई इंडेक्स लेवल के बीच बाजार में जोखिम-मुक्त सेंटिमेंट के बावजूद मजबूत इनफ्लो MF निवेशकों के बीच लचीलेपन (resilience) को दर्शाता है।

Motilal Oswal AMC के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘सितंबर के महीने में, इक्विटी मार्केट को 20,200 अंकों के ऑल टाइम हाई लेवल के बाद, जोखिम-मुक्त सेंटिमेंट की ओर एक अहम बदलाव देखने को मिला।’

First Published - October 11, 2023 | 3:08 PM IST

संबंधित पोस्ट