भारत में यूनिक म्युचुअल फंड इन्वेस्टर्स की संख्या सितंबर महीने में 4 करोड़ यानी 40 मिलियन के मार्क को क्रॉस कर गई है। पिछले 21 महीनों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में करीब 1 करोड़ नए लोगों ने एंट्री की और इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया। म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या इस साल कुल इनकम टैक्स फाइलिंग की लगभग 57 प्रतिशत है और देश में कुल जितने पैन कार्ड होल्डर्स हैं उनमें से 6.5 प्रतिशत लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं।
बता दें कि यूनिक निवेशक संख्या MF इंडस्ट्री के साथ पंजीकृत कुल PAN है।
ग्रॉस SIP इनफ्लो में लगातार बढ़ोतरी के बीच इंडस्ट्री ने यह उपलब्धि हासिल की। सितंबर में इंडस्ट्री ने पहली बार SIP के जरिये 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं।
एक्टिव इक्विटी योजनाओं में नेट इनफ्लो, जो रिटेल निवेशकों से बड़ी मात्रा में निवेश प्राप्त करता है, महीने-दर-महीने 30 प्रतिशत गिरकर 14,090 करोड़ रुपये हो गया। नेट इनफ्लो में गिरावट का कारण आंशिक रूप से स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में मुनाफावसूली को माना जा सकता है। सितंबर में दोनों फंड कैटेगरीज से रिडेम्प्सन 42 प्रतिशत महीने-दर-महीने (MoM) बढ़कर 7,430 करोड़ रुपये हो गया।
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Morningstar Investment Adviser India के एनॉलिस्ट और मैनेजर रिसर्च मेल्विन सैंटारिटा ने कहा कि ‘एक कैटेगरी के रूप में स्मॉल कैप और मिडकैप दोनों में नेट इनफ्लो की मात्रा में पिछले महीनों की तुलना में गिरावट देखी गई। सितंबर में वे तब भी नेट इनफ्लो के उच्चतम रिसीपिएंट में से थे। इस दौरान मिडकैप कैटेगरी को 2000.8 करोड़ रुपये और स्मॉल कैप कैटेगरी को 2,678.4 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इन कैटेगरीज के नेट इनफ्लो में गिरावट का कारण निवेशकों द्वारा कुछ हद तक मुनाफावसूली करना और इनमें से कुछ सेगमेंटों में बढ़े हुए वैल्युएशन के बारे में चिंताएं हो सकती हैं।’
सितंबर में इनफ्लो वित्त वर्ष 2024 में देखे गए एवरेज इनफ्लो से ज्यादा था। इंडस्ट्री के अधिकारियों का मानना है कि रिकॉर्ड हाई इंडेक्स लेवल के बीच बाजार में जोखिम-मुक्त सेंटिमेंट के बावजूद मजबूत इनफ्लो MF निवेशकों के बीच लचीलेपन (resilience) को दर्शाता है।
Motilal Oswal AMC के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘सितंबर के महीने में, इक्विटी मार्केट को 20,200 अंकों के ऑल टाइम हाई लेवल के बाद, जोखिम-मुक्त सेंटिमेंट की ओर एक अहम बदलाव देखने को मिला।’