सोने और चांदी से जुड़ी ईटीएफ योजनाओं की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां सितंबर में 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो गई हैं। जिंसों में आई जबरदस्त तेजी से कीमती धातुओं की कीमतें आसमान छूने लगी हैं और इन पर केंद्रित एमएफ योजनाओं में निवेश बढ़ता ही जा रहा है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 10 अरब डॉलर पार कर चुकी हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी और वैश्विक स्तर पर निवेशकों की तरफ से मांग ताबड़तोड़ बढ़ने से सोने और चांदी की कीमतें कई महीनों से लगातार बढ़ रही हैं और नए स्तरों पर पहुंच गई हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं और वहां सरकारी व्यय-व्यवस्था ठप होने से सोने-चांदी की कीमतों में तेजी आई है।
इस साल 30 सितंबर तक एक साल की अवधि में सोने की कीमतें 53 फीसदी तक बढ़ गईं। इसी अवधि में चांदी की कीमतों में लगभग 60 फीसदी का इजाफा हुआ है। सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों और अन्य फायदेमंद निवेश विकल्पों की कमी के कारण पिछले एक साल में जिंस आधारित ईटीएफ योजनाओं में निवेश बढ़ता ही जा रहा है। अगस्त 2025 को समाप्त हुई एक वर्ष की अवधि के दौरान सोने और चांदी के ईटीएफ वाले निवेश खातों (फोलियो) में लगभग 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।
निवेश खातों (फोलियो) की संख्या बढ़ने के साथ उनमें निवेश भी तेजी से आ रहा है। सितंबर 2024 और अगस्त 2025 के बीच गोल्ड ईटीएफ में 16,560 करोड़ रुपये शुद्ध निवेश आए। इसी अवधि में सिल्वर ईटीएफ में 11,300 करोड़ रुपये के निवेश आए।
आंकड़े ऐसे संकेत दे रहे हैं कि गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में सितंबर में भारी भरकम निवेश हुए हैं। पिछले महीने इन दोनों ईटीएफ का संयुक्त एयूएम लगभग 30 फीसदी बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गया। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि गोल्ड ईटीएफ की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 90,117 करोड़ रुपये जबकि सिल्वर ईटीएफ की प्रबंनाधीन परिसंपत्तियां बढ़कर 37,508 करोड़ रुपये हो गईं।
प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां में बढ़ोतरी दो कारकों – नए निवेश और अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्यांकन पर बाजार का प्रभाव- इन दो बातों पर निर्भर करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे तो सोने और चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और कुछ मूल्य निर्धारण ढांचे के अनुसार वे उचित मूल्यांकन के साथ कारोबार कर रहे हैं लेकिन इन दोनों की कीमतें अभी और बढ़ सकती हैं।
डीएसपी एमएफ ने अपनी मासिक नेत्र रिपोर्ट में कहा, ‘बाजार में सोने-चांदी में मौजूदा तेजी केंद्रीय बैंकों द्वारा इन धातुओं की खरीद के कारण आई है। यह बात कमजोर अमेरिकी डॉलर और अन्य मुद्राओं में गिरावट से भी साबित हो रही है। कीमत उचित मूल्य दायरे में पहुंच गई है। हालांकि यह तेजी थमती नहीं दिख रही है मगर यह एक लंबी अवधि के लिए रुक सकती है।’