घरेलू फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) अप्रैल में पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गईं। बजट 2024 में घोषित कराधान बदलावों के बाद इस श्रेणी में निवेशकों की दिलचस्पी नए सिरे से बढ़ी है। इस श्रेणी में इक्विटी, डेट और जिंसों से जुड़ी पेशकश शामिल हैं। इसने अप्रैल 2025 में समाप्त 12 महीने की अवधि में 11,300 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया। इससे पहले की एक साल की अवधि में इस श्रेणी में 2,446 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी।
फंड ऑफ फंड्स एक या कई म्युचुअल फंडों (एमएफ) की योजनाओं में निवेश करते हैं। इस समय 96 घरेलू एफओएफ हैं। इनमें से ज्यादातर एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) के फीडर फंड हैं। ये एफओएफ अपने संबंधित ईटीएफ में निवेश करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, एयूएम में वृद्धि को सोने की कीमतों में तेजी और इस क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक नई पेशकशों से मदद मिली। सोना पिछले एक साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले परिसंपत्ति वर्ग में से एक रहा है। 16 मई तक गोल्ड ईटीएफ ने एक साल की अवधि में 25 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया था। एफओएफ की एयूएम में गोल्ड और सिल्वर एफओएफ का लगभग एक-चौथाई हिस्सा (24,085 करोड़ रुपये) है। इसमें अकेले गोल्ड एफओएफ की एयूएम 21,416 करोड़ रुपये हैं।
ऐसेट एलोकेशन फंड बाजार का दूसरा प्रमुख खंड है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी स्कीम आईसीआईसीआई प्रू ऐसेट एलोकेटर 25,277 करोड़ रुपये का प्रबंधन करती है। इसके अलावा, एफओएफ क्षेत्र में एक नई श्रेणी का उदय हुआ है जो डेट और आर्बिट्राज फंड में निवेश करती है। इस पेशकश को डेट फंड के कर-किफायती विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।