म्युचुअल फंड

कम खुले नए SIP खाते; विशेषज्ञों ने कहा कि त्योहारी छुट्टी, शादी के सीजन के चलते आई गिरावट

नवंबर में निवेशकों ने 50 लाख नए खाते खोले, जो अक्टूबर के 64 लाख के मुकाबले कम है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- December 11, 2024 | 9:37 PM IST

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत खुलने वाले नए खातों की संख्या नवंबर में लगातार चौथे महीने घटी, जो जुलाई 2024 में 35 लाख की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची थी। इस बार 13 लाख नए खाते के साथ शुद्ध जुड़ाव पिछले महीने छह माह के निचले स्तर पर चला गया। अक्टूबर में उद्योग ने करीब 25 लाख नए खाते जोड़े थे।

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़े बताते हैं कि खातों में शुद्ध जुड़ाव में गिरावट की वजह मोटे तौर पर नए पंजीकरण में आई तीव्र गिरावट है। नवंबर में निवेशकों ने 50 लाख नए खाते खोले, जो अक्टूबर के 64 लाख के मुकाबले कम है।

वाइटओक कैपिटल एएमसी के सीईओ आशिष सोमैया ने कहा, नए एसआईपी पंजीकरण में गिरावट आई है और पिछले महीने के मुकाबले खाते को बंद कराने के मामले में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, इसकी कई वजहें हो सकती है, पहला – नवंबर में सिर्फ 18 कार्य दिवस थे जबकि अक्टूबर में 21 कार्यदिवस। साथ ही त्योहारी सीजन, शादी का सीजन और साल समाप्ति की ओर जा रहा था, लिहाजा इसका असर खुदरा कारोबार में आई नरमी पर पड़ा हो सकता है। उद्योग के भागीदारों के साथ बातचीत में हमें किसी बाजार या प्रदर्शन संबंधी वजह का पता नहीं चला।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने भी इस गिरावट की वजह त्योहारी व शादी के सीजन को बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इक्विटी बाजार में उच्च उतारचढ़ाव ने कुछ निवेशकों को देखो व इंतजार करो की रणनीति अपनाने के लिए शायद प्रोत्साहित किया होगा।

उन्होंने कहा, निवेशकों के बीच देखो व इंतजार करो की रणनीति बाजार में अनिश्चितताओं के बीच अक्टूबर की मजबूती के बाद देखी गई। इसके अलावा त्योहारी सीजन व शादी के सीजन के साथ-साथ छु​ट्टियों के चलते शायद निवेशकों ने निवेश के फैसले में देर की होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, कम एसआईपी खातों के जुड़ाव की अन्य वजह न्यू फंड ऑफरिंग (एनएफओ) लकी पेशकश में नरमी है।

पैसिव समेत सिर्फ 10 इक्विटी एनएफओ नवंबर में आए जबकि अक्टूबर में 24 एनएफओ आए थे। एसआईपी खातों की वृद्धि में आई नरमी ने निवेश पर असर नहीं डाला और नवंबर में कुल संग्रह पिछले महीने के योगदान 25,320 करोड़ के स्तर पर ही बना रहा।

नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटे​टिव रिसर्च ने एक नोट में कहा, एसआईपी के जरियो योगदान मजबूत बना हुआ है और नवंबर में यह 25,300 करोड़ रुपये पर स्थिर र हा। यह दिसंबर 2022 के मुकाबले 87 फीसदी की बढ़ोतरी और दिसंबर 2023 के बाद के मुकाबले 44 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाती है, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे का संकेत देता है।

एसआईपी अब आदत वाली निवेश रणनीति बन गई है, जो निवेशकों को इक्विटी बाजार में निवेश का भरोसेमंद तरीका मुहैया करा रहा है। यह प्रवृत्ति जारी रहने और आगाी वर्षों में मजबूत बने रहने की उम्मीद है, जो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट में लंबी अवधि में संभावित वृद्धि को रेखांकित करता है।

First Published : December 11, 2024 | 9:37 PM IST