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How to Invest Diwali Bonus: दिवाली का त्योहार खुशियों और रौनक के साथ-साथ फाइनैंशियल प्लानिंग के लिए भी खास होता है। इस समय ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों को बोनस या कैश गिफ्ट देती हैं, जिससे जेब में एकमुश्त अतिरिक्त रकम आ जाती है। अक्सर लोग इस बोनस को तुरंत खर्च करने या कहीं सुरक्षित रखने की सोचते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर सही स्ट्रैटेजी अपनाई जाए, तो यह रकम आपके लिए लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन का बेहतरीन जरिया बन सकती है। सवाल यह है कि इस बोनस को कहां लगाया जाए—क्या इसे एकमुश्त (लंप-सम) निवेश करना चाहिए, धीरे-धीरे (SIP) से बाजार में लगाना चाहिए या फिर दोनों इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी के मेल को अपनाना ज्यादा समझदारी भरा कदम होगा?
द वेल्थ कंपनी म्युचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर- डेट, उमेश शर्मा बताते हैं, “अगर निवेश की समयावधि लंबी है, बाजार उचित मूल्य पर हैं और निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता ज्यादा है, तो एकमुश्त निवेश (लंप सम) बेहतर रहता है। यह पैसे को तुरंत बढ़ने का मौका देता है और उन फंड्स के लिए उपयुक्त है जिनकी निकट भविष्य में जरूरत नहीं है।”
जो निवेशक धीरे-धीरे बाजार में निवेश करना चाहते हैं या अस्थिरता के प्रभाव को कम करना चाहते हैं, उनके लिए SIP सबसे बेहतर विकल्प है। शर्मा कहते हैं, “SIP निवेश में वित्तीय अनुशासन लाते हैं और समय के साथ निवेश के सही अवसर सुनिश्चित करते हैं। साथ ही, तरलता (नकदी) की जरूरतें भी निर्णय में अहम भूमिका निभाती हैं — अगर अल्पकालिक वित्तीय जिम्मेदारियां हैं, तो दिवाली बोनस को लिक्विड फंड या शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में रखना बेहतर हो सकता है।”
दिवाली पर मिलने वाले बोनस से पहले से चल रही एसआईपी में निवेश बढ़ाना (SIP Top-UP) या इमरजेंसी फंड तैयार करना भी एक समझदारी भरा विकल्प है। मनीफ्रंट के को-फाउंडर औ सीईओ मोहित गांग कहते हैं, “दिवाली के मौके पर मिले नकद उपहार को लॉन्ग टर्म फाइनैंशियल गोल के लिए म्युचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश किया जा सकता है। निवेशक इस राशि का उपयोग अपने मौजूदा SIP को बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। ऐसे निवेशक, जिनके पास इमरजेंसी फंड नहीं है, वे इस पैसे का इस्तेमाल लिक्विड या आर्बिट्रेज फंड में एकमुश्त निवेश करके इमरजेंसी फंड बनाना शुरू कर सकते हैं।”
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एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दोनों स्ट्रैटेजी (SIP और लंप-सम) का मिश्रण भी कारगर हो सकता है। बोनस की एक हिस्से को लंपसम के रूप में निवेश कर तुरंत मार्केट में भागीदारी की जा सकती है, जबकि बाकी रकम को एसआईपी के जरिए लगाकर धीरे-धीरे संपत्ति बनाई जा सकती है।
चाहे आप लंपसम चुनें, एसआईपी अपनाएं या दोनों का मिश्रण करें, दिवाली बोनस को लंबे समय तक संपत्ति बनाने का जरिया बनाया जा सकता है—बशर्ते निवेश रणनीति आपकी वित्तीय जरूरतों के अनुकूल हो।