प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत और चीन के बीच पांच साल बाद फिर से सीधी उड़ानें शुरू होने जा रही हैं। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसके चलते उड़ानें बंद हो गई थीं। अब रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में ये बड़ा कदम है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से भारत और चीन की नागरिक उड्डयन टीमें बातचीत कर रही थीं। अभी तक भारतीय यात्री चीन जाने के लिए किसी तीसरे देश जैसे सिंगापुर, थाईलैंड मलेशिया आदि के रास्ते चीन जा रहे थे। इसके चलते पैसे भी ज्यादा खर्च होते थे और भी ज्यादा लगता था।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने और नए हवाई सेवा समझौते पर कई दौर की चर्चा हुई। अब जाकर फैसला लिया गया कि अक्टूबर 2025 के आखिर से सीधी उड़ानें शुरू हो जाएंगी। ये उड़ानें सर्दियों के शेड्यूल के हिसाब से चलेंगी। हालांकि, ये उड़ानें दोनों देशों की एयरलाइंस की कमर्शियल योजनाओं और जरूरी नियमों पर निर्भर करेंगी।
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डोकलाम विवाद और फिर कोविड महामारी के चलते दोनों देशों के बीच उड़ानें बंद हो गई थीं। उसके बाद दोनों देशों के रिश्ते में बेहतर नहीं थे, लेकिन अब रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की दिल्ली यात्रा के बाद इसकी पहली घोषणा हुई थी। ये कदम दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद करेगा।
पिछले एक साल से भारत और चीन के रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। 2024 के अंत में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डेपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी का काम पूरा हुआ। इसके अलावा, दोनों देशों ने कई स्तरों पर बातचीत की। डिप्लोमैटिक और सैन्य स्तर की मीटिंग्स हुईं। ट्रैक-2 स्तर पर भी बातचीत बढ़ी। कुछ सामानों पर व्यापारिक पाबंदियां भी हटाई गईं।
एक्सपर्ट का मानना है कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें शुरू होने से यात्रा आसान होगी। व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। ये कदम भारत और चीन के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।