facebookmetapixel
Suzlon: मैनेजमेंट में बदलाव से शेयर का मूड सुधरा, 4% से ज्यादा उछला; 15 दिसंबर को नए CFO संभालेंगे कमानकभी 11% थी महंगाई, अब सिर्फ 4%! अर्थशास्त्रियों ने बताई 10 साल की सबसे बड़ी सफलता की कहानीकैपिटल मार्केट और बैंक ही देंगे अर्थव्यवस्था को नई उड़ान: BFSI समिट में बोले KV KamathSBI की दो बड़ी कंपनियां होंगी शेयर बाजार में लिस्ट, समय अभी तय नहीं: चेयरपर्सन सेट्टीMSME को अब मिलेगा लोन का बड़ा सपोर्ट, बैंकिंग सिस्टम में भरोसा बढ़ा: SBI चेयरमैन CS SettyWATCH: Business Standard BFSI Summit- Hall 2Q2 नतीजों के बाद दिग्गज ऑयल PSU Stock पर ब्रोकरेज ने बदली रेटिंग; खरीदे, बेचें या होल्ड करेंअमेरिका-यूरोप उलझे, टैरिफ के बावजूद चीन कमा रहा ट्रिलियनBFSI Summit 2025: PSU बैंक दे रहे BFSI सेक्टर को नई ऊंचाई- M NagarajuAGI से पहले ही Microsoft ने मजबूत की पकड़, OpenAI में 27% स्टेक पक्का

सक्रिय योजनाओं से म्युचुअल फंड उद्योग को मिल रही ताकत

HDFC और निप्पॉन इंडिया सबसे बड़ी लाभार्थी

Last Updated- November 28, 2023 | 9:53 PM IST
March 31 deadline: Relief for mutual fund investors on re-KYC directive March 31 deadline: Mutual Fund निवेशकों के लिए राहत की बड़ी खबर, मगर ये काम नहीं किया तो 1 अप्रैल से रोक दी जाएगी KYC

सक्रियता से प्रबंधित म्युचुअल फंड योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार करीब 50 लाख करोड़ रुपये वाले उद्योग के लिए और बेहतरी के वाहक के तौर पर काम कर रहा है। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) की रिपोर्ट में ये बातें कही गई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दो सबसे बड़ी सूचीबद्ध परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) एचडीएफसी व निप्पॉन इंडिया को इसकी सबसे बड़ी लाभार्थी हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, 10 साल के रिटर्न के मामले में उद्योग का ठोस ट्रैक रिकॉर्ड है, जहां 70-80 फीसदी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों ने बेंचमार्क को पीछे छोड़ा है। इसके साथ ही अल्पावधि का प्रदर्शन भी बढ़त की राह पर है।

पांच साल के आधार पर उम्दा प्रदर्शन करने वाले AUM की हिस्सेदारी सुधरकर 55-60 फीसदी हो गई है, जो सितंबर 2022 में 35-40 फीसदी थी। इसके अलावा 3 साल के आधार पर इसकी हिस्सेदारी 45-50 फीसदी है, जो पहले 35-40 फीसदी थी।

सक्रिय फंडों क प्रदर्शन में सुधार की वजह मौजूदा वित्त वर्ष में फंड मैनेजरों का बेहतर क्रियाकलाप है, यानी वे बेहतर कर रहे हैं। कैलेंडर वर्ष 23 की पहली छमाही में 78 फीसदी सक्रिय लार्जकैप योजनाएं निफ्टी-50 इंडेक्स फंडों से आगे रही जबकि 2022 में यह आंकड़ा महज 26 फीसदी था, बिजनेस स्टैंडर्ड के हालिया अध्ययन से ये बातें निकली हैं। हालांकि ऐक्टिव मिडकैप व स्मॉलकैप फंडों का प्रदर्शन अल्पावधि के लिहाज से फिसला है।

सक्रिय लार्जकैप फंडों के प्रदर्शन में सुधार की एक वजह मार्केट डिसपर्सन में हुआ इजाफा है। उच्च डिसपर्सन का माहौल सक्रिय मैनेजरों के लिए अनुकूल होता है क्योंकि व्यापकता उन्हें शेयरों की खरीद/उन्हें छोड़ देने के मामले में अपने कौशल का इस्तेमाल की इजाजत देता है, जिससे प्रदर्शन बेहतर होता है और जो प्रबंधन शुल्क की भरपाई कर देता है।

यह मानते हुए कि फंड हाउस पैसिव फंडों के मुकाबले ज्यादा खर्च अनुपात वसूलते हैं, ऐक्टिव इक्विटी फंड म्युचुअल फंडों के लिए राजस्व का अहम स्रोत है।

केआईई के मुताबिक, ऐक्टिव फंडों का सुधरा हुआ ट्रैक रिकॉर्ड और कमीशन आधारित वितरण पर भरोसा पैसिव फंडों को अपनाए जाने के मामले को नियंत्रित रखेगा। वितरक ज्यादा कमीशन के कारण पैसिव फंडों के मुकाबले ऐक्विट फंडों को बेचने को प्राथमिकता देते हैं।

इसके अतिरिक्त संभावना जताई जा रही है कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) फंडों से म्युचुअल फंडो की ओर रकम आ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि पीएमएस फंडों से दिख रही निकासी का म्युचुअल फंड उद्योग संभावित तौर पर शुद्ध लाभार्थी है। इनमें से कुछ फंड पिछले 6 से 9 महीने से शुद्ध निकासी का सामना कर रहे हैं।

केआईई के मुताबिक, सूचीबद्ध एएमसी के शेयरों में बढ़ोतरी की संभावना सीमित हो सकती है क्योंकि और उनके लिए और विस्तार की गुंजाइश सीमित है। एचडीएफसी और निप्पॉन के शेयरों में पिछले छह महीने में 50 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई है।

First Published - November 28, 2023 | 9:53 PM IST

संबंधित पोस्ट