अगस्त में शेयर बाजारों में हुए विदेशी निवेश का करीब आधा हिस्सा वित्तीय व एफएमसीजी क्षेत्र को मिला। वित्तीय क्षेत्र में करीब 1.6 अरब डॉलर का निवेश हुआ जबकि उपभोक्ता क्षेत्र के शेयरों में 1.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ। आईआईएफएल ऑल्टरनेटिव रिसर्च की तरफ से किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली। दवा क्षेत्र के शेयरों ने भी एक अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश हासिल किया। अगस्त में एफपीआई ने 6.4 अरब डॉलर यानी 51,204 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो दिसंबर 2020 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। मजबूत निवेश का मतलब यह है कि ज्यादातर क्षेत्रों ने सकारात्मक शुद्ध निवेश हासिल किया।
अगस्त में वित्तीय क्षेत्र के शेयरों में एफपीआई का निवेश फरवरी 2021 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है जब उन्होंने 1.96 अरब डॉलर के शेयर खरीदे थे। ऐसा बड़ा निवेश पिछले छह महीने में 6.38 अरब डॉलर की भारी-भरकम निकासी और पिछले एक साल में 12.4 अरब डॉलर की निकासी के बाद देखने को मिला।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, जनवरी 2022 से बैंकिंग क्षेत्र में क्रेडिट की रफ्तार में लगातार सुधार देखने को मिला है। साथ ही यह तब हुआ जब फंसे कर्ज का चक्र सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। वित्तीय क्षेत्र का मूल्यांकन अभी भी ज्यादा विस्तृत नहीं हुआ है। अगर आप समायोजित प्राइस टु बुक वैल्यू पर नजर डालें तो ज्यादातर बैंकिंग शेयर अभी भी अपने-अपने ऐतिहासिक उच्चस्तर से छूट पर ट्रेड कर रहा है।
निवेश के सुरक्षित ठिकाने के तौर पर मशहूर उपभोक्ता सामान क्षेत्र के शेयरों में भी एफपीआई की भारी दिलचस्पी देखने को मिली है। चोकालिंगम ने कहा, जब भी दुनिया भर में वैश्विक अनिश्चितता की स्थिति होती है, एफएमसीजी शेयरों को सबसे ज्यादा सुरक्षित दांव माना जाता है। यहां तक कि लीमन संकट के दौरान भी एफएमसीजी शेयरों में अन्य के मुकाबले सबसे कम गिरावट दर्ज हुई थी।
वाहन क्षेत्र व पूंजीगत सामान क्षेत्र के शेयरों में निवेश की बात करें तो एफपीआई ने 0.42 अरब डॉलर के शेयर खरीदे, जो जनवरी 2021 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। वाहन क्षेत्र में एफपीआई का 5.6 फीसदी आवंटन मार्च 2019 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। इस बीच, पूंजीगत सामान क्षेत्र में 2.5 फीसदी आवंटन देखने को मिला और इस तरह से लगातार चौथे महीने इसमें बढ़त जारी रही। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सिर्फ 5 करोड़ डॉलर की खरीदारी हुई। हालांकि इसमें 11 महीने से लगातार बिकवाली हो रही थी, लेकिन आईटी क्षेत्र के आकार को देखते हुए यह निवेश मामूली है।
पिछले छह महीने में आईटी शेयरों में 4.7 अरब डॉलर की बिकवाली हुई है और पिछले एक साल में 10.8 अरब डॉलर की। वित्तीय क्षेत्र के बाद निवेश निकासी वाला यह दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। सकारात्मक निवेश के बावजूद आईटी को आवंटन 10.7 फीसदी रहा और लगातार पांचवें महीने इसमें कमी आई और मार्च 2018 के बाद यह सबसे कम है।
जेफरीज ने मंगलवार को एक नोट में कहा, कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली छमाही में निफ्टी के मुकाबले 19 फीसदी के अंतर से कमजोर प्रदर्शन के बावजूद एनएसई आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन निफ्टी के मुकाबले जुलाई में 4 फीसदी कमजोर रहा, जबकि अगस्त में 6 फीसदी कमजोर। अभी आईटी शेयरों के मूल्यांकन को लेकर सीमित सहजता है। हम वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 की प्रति शेयर आय अनुमान में कटौती की संभावना जता रहे हैं। ऐसे में हम इस क्षेत्र को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं और इन्फोसिस हमारी खरीद रहेगी।
चोकालिंगम ने कहा, मूल्यांकन सहजता का अभाव व रुपये में गिरावट के बाद भी मार्जिन में सुधार न होने से एफपीआई ने पिछले महीनों में आईटी क्षेत्र से निवेश निकासी की। चोकालिंगम ने कहा, बड़ी आईटी कंपनियों ने अब तक वेतन बढ़ोतरी का ऐलान नहीं किया है। साथ ही रुपये में गिरावट इस क्षेत्र के लिए फायदेमंद है। ऐसे में यह आकर्षक क्षेत्र के तौर पर उभर रहा है।
बिजली क्षेत्र में आवंटन जनवरी 2018 के बाद के सर्वोच्च स्तर 5.5 फीसदी पर पहुंच गया। पिछले साल एफपीआई ने इस क्षेत्र में आवंटन 2.6 फीसदी बढ़ाया था। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के शेयरों में आवंटन 1.7 फीसदी रहा, जो जनवरी 2018 के बाद का सर्वोच्च स्तर है।