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बाजार हलचल: इस हफ्ते डेरिवेटिव कारोबार पर पड़ेगा अस्थायी असर

संकेतकों के अभाव में बाजार सपाट, ग्रे मार्केट में एनटीपीसी ग्रीन और ब्लैकबक में नहीं चमक

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- November 17, 2024 | 9:32 PM IST

इस हफ्ते हो रहे दो अहम बदलावों से डेरिवेटिव कारोबार की मात्रा में गिरावट की आशंका है। बुधवार से सभी इंडेक्स डेरिवेटिव सौदों का लॉट साइज 5 लाख रुपये से बढ़कर 15 लाख रुपये हो जाएगा। इसके अलावा साप्ताहिक एक्सपायरी प्रति एक्सचेंज एक बेंचमार्क तक सीमित होगी। बाजार के प्रतिभागियों का अनुमान है कि इन बदलावों से डेरिवेटिव सौदों की संख्या में एक तिहाई कमी आएगी।

एक ब्रोकरेज फर्म के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि इस बदलाव का मकसद डेरिवेटिव एक्सचेंज पर टर्नओवर में कमी लाना और बेखबर खुदरा निवेशकों को बाजार में उतरने से हतोत्साहित करना है। मुझे तत्काल कुल वॉल्यूम में 20-30 फीसदी गिरावट की संभावना दिखती है, लेकिन यह अस्थायी होगा। कुछ टर्नओवर स्टॉक ऑप्शंस की ओर चला जाएगा क्योंकि लॉट साइज समान है और अन्य इंडेक्स का रुख करेगा। ट्रेडर अपनी रणनीति एनएसई निफ्टी और एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स की चाल के मुताबिक अपनाएंगे।

संकेतकों के अभाव में बाजार सपाट

पिछले हफ्ते इक्विटी बाजार गिरावट के दौर में प्रवेश कर गया। एनएसई निफ्टी और व्यापक बाजार के सूचकांकों निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 अपने-अपने सर्वोच्च स्तर से करीब 10 फीसदी टूट गए। पहले से ही कंपनियों की निराशाजनक आय और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से दबाव का सामना कर रहे निवेशक भारत में बढ़ती महंगाई से और ज्यादा परेशान हो गए हैं। यह हफ्ता सुस्त रह सकता है क्योंकि बाजारों में हलचल के लिए कोई बड़ा संकेतक नहीं है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि इस हफ्ते कोई बड़ा मामला नहीं दिख रहा है क्योंकि आय का सीजन करीब-करीब पूरा हो चुका है और अमेरिकी आंकड़े भी आ चुके हैं। डॉलर की चाल और अमेरिकी बाजार का रुख बाजार की दिशा तय करेंगे। अस्थायी निचले स्तर के लिए हमें कुछ और कारोबारी सत्रों की दरकार हो सकती है। निफ्टी का अहम समर्थन और प्रतिरोध स्तर क्रमश: 23,345 और 23,960 है।

ग्रे मार्केट में एनटीपीसी ग्रीन और ब्लैकबक में नहीं चमक

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम अपने इश्यू प्राइस से महज 1.4 रुपये है। कंपनी का इरादा 10,000 करोड़ रुपये जुटाने का है और कीमत दायरा 102 से 108 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। द्वितीयक बाजार में बिकवाली और यह तथ्य कि आईपीओ से मिलने वाली रकम का ज्यादातर हिस्सा कर्ज भुगतान में जाएगा, से निवेशकों की दिलचस्पी खत्म दिखती है।

ऊंची कीमत भी इसकी एक अन्य वजह बताई गई। फूड ऐंड ग्रोसरी डिलिवरी फर्म स्विगी (जिसका जीएमपी कमजोर रहा था), पिछले हफ्ते सूचीबद्धता के दिन 17 फीसदी चढ़ा था, लेकिन गुरुवार को यह 5.7 फीसदी गिर गया। देश के सबसे बड़े डि​जिटल ट्रक प्लेटफॉर्म ब्लैकबक जिंका लॉजिस्टिक सॉल्युशंस का आईपीओ सोमवार को बंद होगा। लेकिन इसका जीएमपी अभी शून्य है। अभी तक आईपीओ को 0.32 गुना बोलियां मिली हैं।

First Published : November 17, 2024 | 9:32 PM IST