भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) मानकों में बदलावों पर मुहर लगा दी है। अब निजी तौर पर जारी इनविट भी सबऑर्डिनेट यूनिट जारी कर सकेंगे।
ये यूनिट किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना की खरीद के बाद स्पॉन्सर या सहायकों को जारी किए जाएंगे। म्युचुअल फंडों की तरह इनविट भी यूनिट जारी करते हैं। प्रायोजक का मतलब इनविट शुरू करने वाली कंपनी है।
हालांकि सेबी ने सबऑर्डिनेट यूनिटों के निर्गम पर 10 प्रतिशत की सीमा तय की है। सेबी ने कहा है, ‘इनविट द्वारा किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना के अधिग्रहण के समय जारी सबऑर्डिनेट यूनिटों की मात्रा संबंधित परियोजना की खरीद कीमत के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।’
नियामक ने मार्च में हुई अपनी बोर्ड बैठक में इन बदलावों को मंजूरी दी थी और अब उसने इन मानकों को अधिसूचित कर प्रभावी बना दिया है।