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एलआईसी के लिए मैक्वेरी का लक्ष्य 1,000 रुपये

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:56 PM IST

पॉलिसीधारकों व खुदरा भागीदारों समेत निवेशकों ने भारतीय जीवन बीमा निगम में 47,000 करोड़ रुपये की  रकम गंवा दी क्योंंकि बीमा दिग्गज का बाजार पूंजीकरण कारोबारी सत्र के आखिर में 5.53 लाख करोड़ रुपये रह गया जबकि आईपीओ मूल्यांकन 6 लाख करोड़ रुपये का था।
बीएसई पर कंपनी का शेयर 8.6 फीसदी की गिरावट के साथ 867 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ और कारोबारी सत्र में 860 रुपये के निचले स्तर तक गया। हालांकि अंत में यह थोड़ा सुधरा और इश्यू प्राइस 949 रुपये के मुकाबले 8 फीसदी गिरकर 875 रुपये पर बंद हुआ। इसकी तुलना में बेंचमार्क सूचकांकों में मंगलवार को 2.5-2.5 फीसदी की उछाल दर्ज हुई।
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने इस शेयर पर कवरेज शुरू किया है और इसे तटस्थ रेटिंग दी है क्योंंकि आने वाले समय में कंपनी की बढ़त को लेकर कई चुनौतियां दिख रही हैं।
ब्रोकरेज ने 17 मई की रिपोर्ट में कहा है, एलआईसी मोटे तौर पर एक ही योजना पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीज बेचती है। प्रबंधन ने पहले न्यू बिजनेस मार्जिन के लिहाज से योजनाओं के लाभ पर कभी भी नजर नहीं डाला और एम्बेडेड वैल्यू के रिटर्न पर भी। ऐसे में बिक्री का तरीका बदलने और उच्च मार्जिन वाली योजनाएं बेचने की शुररुआत हमारी नजर में मुश्किल नजर आ रही है। एलआईसी के लिए टिकट साइज भी निजी क्षेत्र के मुकाबले पाचवां हिस्सा है, जो लक्षित सेगमेंट अलग रहने की बात करता है। साथ ही छोटे टिकट साइज वाले सेगमेंट में नॉन पार सेविंग्स प्रॉडक्ट्स की बिक्री आसान नहीं होगी।
दूसरा, बैंकएश्योरेंस बिजनेस को बढ़ाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंंकि तीन सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई बैंकएश्योरेंस के लिए पार्टनर नहीं है।
विश्लेषक हालांकि इस शेयर के लंबी अवधि के परिदृश्य को लेकर तेजी का नजरिया बनाए हुए हैं क्योंंकि एलआईसी भारत में सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधक है और 31 दिसंबर 2021 को एकल आधार पर उसका एयूएम 40.1 लाख करोड़ रुपये था।
विश्लेषकों ने हालांकि कहा कि कम कीमत पर सूचीबद्धता इस शेयर को और भी सस्ते स्तर पर खरीदने का मौका है।

First Published : May 18, 2022 | 12:48 AM IST