पिछले पखवाड़े वैश्विक इक्विटी बाजारों में ठीक-ठाक बढ़ोतरी हुई क्योंकि अर्थव्यवस्थाएं खुलीं और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की तरफ से और प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की उम्मीद है, खास तौर से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से। इसकी वजह यह है कि कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार को थामने में काफी मुश्किल हो रही है। भारत की बात करें तो एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 पिछले पखवाड़े करीब 8-8 फीसदी चढ़े और मार्च के निचले स्तर से उनमें क्रमश: 33 व 34 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इस बढ़त की अगुआई वित्तीय क्षेत्र के शेयरों ने की, साथ ही खबरों के सहारे आगे बढऩे वाले चुनिंदा इंडेक्स दिग्गजों का भी इसमें योगदान रहा। मार्च के निचले स्तर से तेज रिकवरी को देखते हुए ब्रोकरेज फर्मों को बाजार में सीमित बढ़ोतरी की गुंजाइश दिख रही है।
नोमुरा
इक्विटी बाजार के मूल्यांकन को भारत व वैश्विक स्तर पर गिरते प्रतिफल का सहारा मिला है। मध्यम अवधि की बढ़त की चिंता को देखते हुए हमें लगता है कि बाजार के गुणक का मौजूदा 15.9 गुने से 20 गुने होना मुश्किल लग रहा है। वित्त वर्ष 22 एफ के लिए निफ्टी प्रति शेयर आय 16.5 गुना रख रहे हैं ताकि मार्च 2021 के लिए निफ्टी का हमारा 10,200 का लक्ष्य पूरा हो जाए।
जेफरीज
वैश्विक स्तर पर निवेश का लोकप्रिय थीम रोटेशन ऑफ वैल्यू बन गया है। उम्मीद से बेहतर आर्थिक रिकवरी भारतीय संदर्भ में भी है। हमारा मानना है कि जब मांग थोड़ी सुस्त होगी और मॉनसून से पूर्व गतिविधियां थमने लगेंगी तब रिकवरी की रफ्तार घटेगी। अगर प्रमुख शहरों में कोविड-19 का मामला जल्द स्थिर होता है तो परिदृश्य में सुधार आएगा। हमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, आईटीसी, अशोक लीलैंड, लार्सन ऐंड टुब्रो, एनटीपीसी, एचसीएल टेक, और डीएलएफ पसंद है।
यूबीएस
मार्च 2021 के आखिर के लिए निफ्टी का हमारा लक्ष्य 9,900 का है और बढ़त व गिरावट का परिदृश्य 11,500 व 6,700 है। यह हालिया तेजी के बाद अनाकर्षक जोखिम-प्रतिफल बताता है। श्रमिकों की किल्लत और लंबी अवधि के सुधार का क्रियान्वयन अहम बना रहेगा।
जेएम फाइनैंशियल
निफ्टी-50 अगले 12 महीने के ईपीएस के 19.6 गुने पर कारोबार कर रहा है और वित्त वर्ष 22 के ईपीएस के 15.2 गुने पर। जब तक वित्त वर्ष 2021-22 की आय में उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं होता, बाजार में इस स्तर से 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी मुश्किल होगी।
