आईपीओ

IPO से पहले लेंसकार्ट का बड़ा दांव, वियरेबल टेक्नोलॉजी में एंट्री के लिए आज्ञा लेंस से मिलाया हाथ

लेंसकार्ट ने स्मार्ट ग्लास बनाने के लिए आज्ञा लेंस में निवेश किया, आईपीओ से पहले वियरेबल टेक्नोलॉजी में बढ़ाया फोकस, एआई और एक्सआर टेक्नोलॉजी तक मिलेगी पहुंच।

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पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- July 04, 2025 | 10:46 PM IST

आईवियर यूनिकॉर्न लेंसकार्ट ने एआई स्टार्टअप आज्ञा लेंस में निवेश किया है। कंपनी अपने 1 अरब डॉलर के आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले स्मार्ट ग्लास विकसित करने की तैयारी कर रही है। यह वियरेबल टेक्नॉलजी की दिशा में उठाया गया लेंसकार्ट का एक प्रमुख कदम है।

निवेश की रकम के बारे में दोनों कंपनियों में से किसी ने भी खुलासा नहीं किया है। मगर इससे लेंसकार्ट को आज्ञा लेंस की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर आधारित एक्सटेंडेड रियलिटी (एक्सआर) टेक्नॉलजी तक पहुंच मिलेगी क्योंकि मुंबई की इस स्टार्टअप के पास उन्नत वियरेबल टेक्नॉलजी आधारित उत्पाद विकसित करने में विशेषज्ञता हासिल है।

आज्ञा लेंस को उसके मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट आज्ञा एक्सआर के लिए 2023 में सीईएस इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। उसे इस क्षेत्र में सबसे उन्नत वियरेबल टेक्नॉलजी विकसित करने के लिए जाना जाता है।

यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब स्मार्ट ग्लास का वै​श्विक बाजार 6 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। उम्मीद है कि यह बाजार वर्ष2032 तक 15.08 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह बाजार 10.3 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़ रहा है। इसमें मेटा, ऐपल और गूगल जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। लेंसकार्ट ने कहा कि वह फ्रेम डिजाइन और ऑप्टिकल इंजीनियरिंग में अपनी क्षमताओं को आज्ञा की टेक्नॉलजी के साथ मिलाकर ऐसे स्मार्ट ग्लास बनाएगी जो रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए बेहद सुविधाजनक होंगे।

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लेंसकार्ट के सह संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल ने कहा, ‘यह निवेश स्मार्ट ग्लास की दिशा में हमारे सफर के अगले पड़ाव का प्रतीक है। हमने दिसंबर 2024 में ऑडियो ग्लास फोनिक को लॉन्च करते हुए इसकी शुरुआत की थी।’ उन्होंने कहा, ‘स्मार्ट ग्लास श्रेणी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में आज्ञा लेंस के साथ हमारी साझेदारी से नए उत्पादों के विकास को गति ​मिलेगी।’

साल 2014 में स्थापित मुंबई की कंपनी आज्ञा लेंस एक डीप-टेक स्टार्टअप है जो स्पे​शियल कंप्यूटिंग, एआई विजन और एक्सआर स्टैक द्वारा संचालित इमर्सिव टेक्नॉलजी विकसित कर रही है।

यह निवेश नई टेक्नॉलजी तक पहुंच हासिल करने और कारोबार का विस्तार करने संबंधी लेंसकार्ट की रणनीति का हिस्सा है। इससे पहले उसने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आधारित कंप्यूटर विजन स्टार्टअप टैंगो आई जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया है। साल 2022 में जापानी ब्रांड ओनडेज भी लेंसकार्ट समूह का हिस्सा बन गया, जिसका अनुमानित सौदा 40 करोड़ डॉलर था। साल 2023 में लेंसकार्ट की सहायक कंपनी नेसो ब्रांड्स ने पेरिस के आईवियर ब्रांड ली पेटिट लुनेटियर में 40 लाख डॉलर के एक सौदे के तहत हिस्सेदरी खरीदी थी।

लेंसकार्ट का आक्रामक विस्तार ऐसे समय में हो रहा है जब वह आईपीओ के साथ पूंजी बाजार में दस्तक देने की तैयारी कर रही है। अमेरिका की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी फिडेलिटी ने हाल में लेंसकार्ट के अनुमानित मूल्यांकन को बढ़ाकर 6.1 अरब डॉलर कर दिया जो नवंबर में 5.6 अरब डॉलर था। कंपनी 10 अरब डॉलर के लक्षित मूल्यांकन पर 1 अरब डॉलर तक रकम जुटाने की योजना बना रही है। 

हाल में मूल कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल दिया गया है। कंपनी ने अपने आईपीओ से पहले शानदार वित्तीय प्रदर्शन किया है। 

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वित्त वर्ष 2024 में लेंसकार्ट की परिचालन आय 43 फीसदी बढ़कर 5,427.7 करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 3,788 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी फ्रेम, लेंस, चश्मे बेचकर और आंखों की जांच जैसी अतिरिक्त सेवाओं के जरिये आय अर्जित करती है। लागत कुशल प्रबंधन के कारण लेंसकार्ट ने वित्त वर्ष 2024 में अपने घाटे को 84 फीसदी तक नियंत्रित करते हुए 10 करोड़ रुपये कर दिया जो वित्त वर्ष 2023 में 63 करोड़ रुपये था। कई देशों में लेंसकार्ट के कुल मिलाकर 2,500 से अधिक स्टोर हैं जिनमें से करीब 2,000 स्टोर भारत में हैं। घरेलू और वैश्विक बाजारों में उसे टाइटन आईप्लस, स्पेक्समेकर, विजन एक्सप्रेस, वार्बी पार्कर जैसे प्रमुख ब्रांडों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले दो वर्षों के दौरान स्मार्ट ग्लास की मात्रात्मक बिक्री में जबरदस्त उछाल आई है। उद्योग के आकलन के अनुसार, साल 2022 से 2024 के बीच उसकी आपूर्ति तीन गुना बढ़कर 20 करोड़ के पार पहुंच चुकी है।

स्मार्ट ग्लास बाजार में फिलहाल मेटा का वर्चस्व है जो रे-बैन मेटा उत्पादों के साथ बाजार में मौजूद है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, 2024 में उसकी बाजार हिस्सेदारी 60 फसदी से अधिक थी। 

ऐपल और गूगल की बाजार हिस्सेदारी फिलहाल कम है, मगर ऐपल निकट भविष्य में जबरदस्त तरीके से आगाज करने की तैयारी कर रही है। गूगल काफी हद तक एंटरप्राइज ऐप्लिकेशन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

First Published : July 4, 2025 | 10:34 PM IST