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सालों से जिसका इंतजार था… NSE IPO की डेट अब सामने आई? जानिए रिपोर्ट में क्या कहा गया

Motilal Oswal की रिपोर्ट के मुताबिक, NSE को जुलाई 2025 में मिल सकती है सेबी की मंजूरी, लेकिन IPO लॉन्च मार्च 2026 से पहले संभव नहीं।

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- July 02, 2025 | 9:29 AM IST

देश के सबसे बड़े शेयर बाजार NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) का IPO अब भी लंबा इंतज़ार करवा सकता है। Motilal Oswal Private Wealth की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, NSE का IPO मार्च 2026 से पहले आने की संभावना कम है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर NSE को जुलाई 2025 में सेबी से NOC (नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) मिल भी जाता है, तो भी IPO आने में कम से कम 8–9 महीने लग सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं दो पुराने मामले — को-लोकेशन और डार्क फाइबर केस। हालांकि, 20 जून को NSE ने इन मामलों को सुलझाने के लिए ₹1,388 करोड़ की बड़ी रकम सेटलमेंट के तौर पर दी है।

NSE के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO आशीष चौहान ने हाल ही में CNBC बाज़ार को दिए इंटरव्यू में कहा, “हमने सेबी को NOC के लिए आवेदन दे दिया है। NOC मिलने के बाद, DRHP तैयार करने में 3–4 महीने और सेबी की समीक्षा में 2–3 महीने और लगेंगे। कुल मिलाकर, IPO NOC मिलने के 8–9 महीने बाद ही आ सकता है।”

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बाजार में NSE के IPO का बेसब्री से इंतजार

NSE का IPO लंबे समय से इन्वेस्टर्स के रडार पर है। वजह साफ है — NSE दुनिया का सबसे बड़ा मल्टी-एसेट एक्सचेंज है, और इक्विटी व डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में भारत ही नहीं, ग्लोबल लीडर बन चुका है। 2024 के अंत में इसकी अनलिस्टेड वैल्यू के आधार पर यह दुनिया का छठवां सबसे बड़ा एक्सचेंज था।

वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में NSE के पास घरेलू बाजार में 93.6% शेयर कैश मार्केट में, 99.9% शेयर इक्विटी फ्यूचर्स में, और 87.4% शेयर इक्विटी ऑप्शंस में था। यही नहीं, फॉरेक्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस में भी इसका हिस्सा 93.6% और 99.7% तक पहुंच चुका है।

FY25 में NSE का ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹17,141 करोड़ रहा, जो पिछले साल से 16% ज्यादा है। नेट प्रॉफिट ₹12,188 करोड़ रहा, जिसमें 47% साल-दर-साल ग्रोथ देखने को मिली। कंपनी का EBITDA मार्जिन 74% और PAT मार्जिन 58% रहा। EPS ₹49 और RoE 45% दर्ज किया गया।

IPO में निवेश करना चाहिए या नहीं?

Motilal Oswal की मानें तो NSE का दबदबा और मजबूत फाइनेंशियल पोज़िशन इसे एक मजबूत कैपिटल मार्केट प्ले बनाती है। भारत में अब भी रिटेल निवेशकों की भागीदारी सिर्फ 3–4% है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में यह 55–60% तक है। यानी NSE के पास आगे ग्रोथ की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं।

हाल ही में लागू हुए F&O नियमों के चलते ट्रेडिंग वॉल्यूम में कुछ गिरावट आई थी, लेकिन अब इनमें सुधार दिखने लगा है। फरवरी 2025 में जहां ऑप्शन प्रीमियम का औसत टर्नओवर ₹47,900 करोड़ था, वहीं अप्रैल 2025 में यह ₹58,200 करोड़ तक पहुंच गया।

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ग्रे मार्केट में NSE के शेयर

अनलिस्टेड ग्रे मार्केट में NSE के शेयर मई के ₹2,400 से गिरकर जून में ₹2,285 प्रति शेयर पर आ गए हैं। पिछले 52 हफ्तों में यह ₹6,200 के हाई और ₹1,625 के लो को छू चुके हैं। अभी NSE की कुल मार्केट वैल्यू ₹5.65 लाख करोड़ आंकी गई है (source: unlistedzone.com)।

नतीजा: IPO के लिए अभी और करना होगा इंतजार

अगर सब कुछ सही रहा और सेबी से NOC मिल गया, तो भी IPO मार्च 2026 तक ही आने की उम्मीद है। इन्वेस्टर्स को अब भी थोड़ा और धैर्य रखना होगा — लेकिन मजबूत फाइनेंशियल्स और बाज़ार में दबदबे को देखते हुए, यह IPO एक बड़ा मौका साबित हो सकता है।

First Published : July 2, 2025 | 9:29 AM IST